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मप्र की 7 हजार से ज्यादा की आबादी वाली पंचायतों में खुलेंगे उप लोकसेवा केंद्र

भोपाल, 8 अक्टूबर (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश के ग्रामीण इलाकों के लेागों को भी सरकार की सुविधाओं का लाभ मिल सके, इसके लिए पांच हजार से अधिक की आबादी वाली ग्राम पंचायतों में उप लोकसेवा केंद्र खुलेंगे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को यह ऐलान किया। मुख्यमंत्री चौहान मिंटो हाल सभा कक्ष में जनकल्याण और सुराज अभियान के समापन दिवस पर संबोधित कहा कि प्रदेश में नागरिकों को मिल रही विभिन्न सेवाओं की व्यवस्था को और अधिक पुख्ता किया जाएगा। इसके अंतर्गत लोक सेवा केंद्रों का विस्तार तहसील से आगे ग्राम पंचायत स्तर तक होगा। आने वाले एक साल में पांच हजार से अधिक आबादी वाली ग्राम पंचायतों में उप लोक सेवा केंद्र स्थापित होंगे। नागरिकों को उनके द्वार पर सेवाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी। नागरिकों को खेसरा की प्रति सिर्फ 10 रुपये प्रति पृष्ठ उपलब्ध करवाई जाएगी। मुख्यमंत्री चौहान ने आगे कहा कि प्रदेश में ई-रुपी की व्यवस्था को ई-वाउचर के रूप में लागू किया जाएगा। आयुष्मान भारत के अंतर्गत मरीजों की उपचार राशि एवं छात्रवृत्ति के भुगतान के लिए ई-रुपी के माध्यम से सीधे हितग्राहियों को विशिष्ट प्रायोजन के उद्देश्य से कैश बेनिफिट ट्रांसफर किया जा सकेगा। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में 15 नवंबर से 15 जनवरी 2022 तक हितग्राही मूलक योजनाओं का लाभ सभी हितग्राहियों को मिल रहा है या नहीं, इसे अभियान चलाकर सुनिश्चित किया जाएगा। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री और देश के प्रधानमंत्री के रूप में निरंतर कार्य करते हुए 20 सफल वर्ष पूर्ण किए हैं। उन्होंने आम जनता के लिए पारदर्शी व्यवस्था शुरू की। हितग्राहियों के खाते में सीधे राशि भेजने की व्यवस्था से अनियमितताएं समाप्त हो गई हैं। सुराज का मतलब भी यही है कि निश्चित समय-सीमा में सेवाएं प्राप्त हों। प्रधानमंत्री मोदी वैभवशाली, गौरवशाली, शक्तिशाली भारत के निर्माण में जुटे हैं। उन्होंने गुजरात मॉडल प्रस्तुत किया। वे विकास, सुराज और जनकल्याण की त्रिवेणी हैं। देश में उज्जवला योजना, किसानों को सम्मान निधि, सस्ता राशन, सभी को इलाज की सुविधा, गरीबों के लिए मकान, सार्वजनिक शौचालय व्यवस्था और स्वच्छता अभियान से आम जनता को लाभान्वित किया। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि कोरोना काल की आर्थिक दिक्कतों के बावजूद मध्य प्रदेश में 40 हजार करोड़ रुपये की राशि अधोसंरचना विकास एवं अन्य कार्यो पर व्यय की गई। कोविड से जिन बच्चों ने माता-पिता को खो दिया है, वे खुद को अकेला न समझें। सरकार उनके साथ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश और आत्मनिर्भर भारत के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। मध्य प्रदेश इस कार्य में अपनी विशेष भागीदारी करेगा। --आईएएनएस एसएनपी/एसजीके

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