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यूपी चुनाव : हरदोई के अग्रवाल परिवार की सीट बचाने के लिए चुनावी समर में जुटे

हरदोई, 18 फरवरी (आईएएनएस)। कभी उत्तर प्रदेश की राजनीति में किंग मेकर के तौर पर पहचाने जाने वाले पूर्व सांसद और मंत्री नरेश अग्रवाल इस सीट बरकरार रखने की तैयारी कर रहे हैं। बीते 36 साल से इस सीट पर उनके परिवार का कब्जा रहा है। इस बार वह अपने बेटे नितिन अग्रवाल के लिए काम कर रहे हैं, जो हरदोई सीट से तीसरी बार चुनाव लड़ रहे हैं। नरेश अग्रवाल ने कांग्रेस में अपना करियर शुरू किया और 1997 में कांग्रेस को विभाजित होने के बाद कल्याण सिंह सरकार में मंत्री बने। वह बसपा और फिर सपा में चले गए। उनके बेटे नितिन अग्रवाल ने 2012 में अपनी राजनीतिक शुरूआत की और तब से दो बार हरदोई सीट जीत चुके हैं। नितिन 2017 में सपा छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे। वे कहते हैं, यह योगी आदित्यनाथ की कानून-व्यवस्था और मोदी का समर्पण है जो भाजपा के पक्ष में वोट दिलाएगा।अखिलेश भाजपा को गाली देने के अलावा कुछ नहीं कर रहे हैं। वह आगे कहते हैं कि एसपी अब शौकीनों के हाथ में है। अखिलेश यादव के पास कोई अनुभवी राजनेता नहीं है। शिवपाल सिंह यादव की हालत देखें। राम गोपाल यादव घर बैठे हैं। आज, मुलायम सिंह यादव भले ही टिकट मांगें, उन्हें नहीं मिल सकता है। सपा के पास वोट मांगने का कोई विजन नहीं है और वह सिर्फ जाति के आधार पर यूपी का चुनाव लड़ रही है। मैंने 2009, 2012 और 2017 में हरदोई से चुनाव एसपी के कारण नहीं जीता, बल्कि एसपी मेरी वजह से जीता। यहां सपा का कोई आधार नहीं है। नितिन इस सीट पर अपनी हैट्रिक की तैयारी कर रहे हैं और चुनावी चक्रव्यूह में उनके पिता उनका बखूबी मार्गदर्शन कर रहे हैं। --आईएएनएस आरएचए/आरजेएस

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