देश
धर्मनिरपेक्षता के असल मायनों को समझें, समाज में भेद पैदा करने वालों से सतर्क रहें
किसी भी देश के शक्तिशाली होने के निहितार्थ होते हैं। इन निहितार्थों का मन, वाणी और कर्म से अध्ययन किया जाए तो जो प्राकट्य होता है, वह यही प्रदर्शित करता है कि सबके भाव राष्ट्रीय हों, सबके अंदर एक दूसरे के प्रति सामंजस्य भाव की प्रधानता हो, लेकिन वर्तमान में क्लिक »-www.prabhasakshi.com