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उफनाई नारायणी ने कुशीनगर में बर्बाद की 500 एकड़ केला व गन्ना की फसल

कुशीनगर, 19 जून(हि.स.)। नेपाल से निकलने वाली नारायणी (गंडक) नदी ने कुशीनगर के एक दर्जन गांव के किसानों की 500 एकड़ से अधिक गन्ना व केला की फसल बर्बाद कर दी है। किसान सरकार से सहायता की मांग कर रहे हैं। नेपाल के वाल्मीकिनगर वैराज से पानी छोड़े जाने के कारण तीन दिन पूर्व नदी पूरे उफान पर थी। नदी खतरे के निशान के मात्र 10 सेमी दूर रह गई थी। बुधवार से जलस्तर कम होना शुरू हुआ तो लोगों सहित प्रशासन ने भी राहत की सांस ली। नई चिंता पानी उतरने के बाद नदी की कटान से हो गई है। गंडक नदी की कटान से महदेवा, शाहपुर, बलगोविंद छपरा, महदेवा और करमहवा गांव बुरी तरह प्रभावित हुआ है। इन गांवों में करीब 500 एकड़ गन्ना, केला, मक्का की फसल लगी जमीन नदी में समा गई है। महदेवा गांव के पास गंडक नदी तेजी से कटान कर रही है। गांव से नदी की दूरी महज 100 मीटर दूर बची है। दो दिन में गंडक नदी ने 150 एकड़ खेती की जमीन काट दी है। शाहपुर, बलगोविंद छपरा, महदेवा और करमहवा में भी नदी कटान कर रही है। शाहपुर में 70 एकड़, बालगोविन्द छपरा 60 एकड़, महदेवा में 90 एकड़ और करमहवा में 25 एकड़ खेती की जमीन नदी कटान से प्रभावित हुई है। नदी कटान की जानकारी खड्डा के विधायक जटाशंकर त्रिपाठी व एसडीएम खड्डा अरविंद कुमार लगातार दौरा कर ले रहे हैं। बचाव कार्य के लिए सिंचाई विभाग भी कार्य कर रहा है किंतु नतीजे सिवाय किसानों की जान बचाने के अतिरिक्त नहीं है। फसल की क्षति रोकने में कोई उपाय कारगर नहीं दिख रहा है। दूसरी तरफ जिन किसानों की फसल बर्बाद हुई है वह भविष्य को लेकर चिंतित है। किसानों ने सरकार से सहायता की मांग की है। हिन्दुस्थान समाचार/गोपाल

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