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पाकिस्तानी अखबारों सेः इमरान ने कहा 'कश्मीरियों की कीमत पर भारत के साथ तिजारत नहीं'

- सेना प्रमुख नरवणे के एलओसी पर सीजफायर से अमन के अहसास वाले बयान को भी दिया महत्व नई दिल्ली, 31 मई (हि.स.)। पाकिस्तान से सोमवार को प्रकाशित अधिकांश समाचार पत्रों ने प्रधानमंत्री इमरान खान के जरिए आम जनता के टेलीफोन पर सवालों का जवाब देते हुए कही गई बातों को प्रमुखता से प्रकाशित किया है। इसमें उन्होंने कहा है कि भारत के साथ सम्बंधों को सुधारने के लिए कश्मीरियों के साथ गद्दारी बिल्कुल नहीं कर सकता हूं। इमरान का कहना है कि इंडिया के साथ बातचीत 5 अगस्त के जम्मू-कश्मीर के इस सम्बंध में किए गए फैसले को वापस लेने के बाद हो सकती है। कश्मीरियों की खून की कीमत पर तिजारत नहीं हो सकती है। अखबार का कहना है कि इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा है कि मैंने अपनी तरफ से भारत को बार बार बातचीत की दावत दी है, मगर भारत की तरफ से किसी तरह का कोई जवाब नहीं दिया गया है। अखबारों ने कुवैत के जरिए पाकिस्तानियों के लिए 10 साल बाद वीजा खोले जाने से सम्बंधित खबरें भी दी हैं। अखबारों का कहना है कि गृह मंत्री शेख रशीद ने कुवैत के प्रधानमंत्री शेख सबाह अल खालिद अल हामिद अल सबाह से मुलाकात की है। इस मुलाकात के दौरान ही कुवैत ने पाकिस्तान पर लगी वीजा की पाबंदी को हटाने का फैसला लिया है। अखबारों ने पाकिस्तान में बिजली के दामों में वृद्धि नहीं होने की वित्त मंत्री शौकत तरीन के आश्वासन की खबरें भी छापी हैं। शौकत तरीन ने कहा है कि बिजली चोरी को रोका जाएगा और टैक्स चोरों को जेल भेजा जाएगा। अखबारों ने पाकिस्तान में पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में वृद्धि किए जाने की भी खबर दी है। अखबारों ने लिखा है कि एलपीजी गैस पर प्रति किलो 20 रुपये का इजाफा कर दिया गया है। अखबारों में पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के लीडर बिलावल भुट्टो के जरिए आवामी नेशनल पार्टी के साथ मिलकर प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ मोर्चा खोलने की बात कहे जाने को भी अहमियत दी है। बिलावल भुट्टो ने पीडीएम पर निशाना साधा है और कहा है कि अगर पीडीएम सही रास्ते पर चलती तो सरकार को बहुत पहले ही उखाड़ कर फेंक दिया गया होता। अखबारों ने पंजाब और सिंध में पानी के लिए मचे हाहाकार के बीच बैराज के ऊपर निष्पक्ष व्यक्तियों की तैनाती किए जाने की मुख्यमंत्री उस्मान बजदार की तरफ से की गई मांग को भी अहमियत दी है। अखबारों ने लिखा है कि दोनों प्रांतों में पानी की कमी को लेकर हाहाकार मचा हुआ है और प्रांत एक दूसरे पर पानी चोरी करने का आरोप लगा रहे हैं। यह सभी खबरें रोजनामा पाकिस्तान, रोजनामा खबरें, रोजनामा नवाएवक्त, रोजनामा औसाफ और रोजनामा जंग ने अपने पहले पन्ने पर छापी हैं। रोजनामा पाकिस्तान ने भारतीय आर्मी चीफ के हवाले से एक खबर प्रकाशित की है जिसमें उन्होंने कहा है कि एलओसी पर सीजफायर की वजह से अमन का एहसास हुआ है। हम सीजफायर को बरकरार रखना चाहते हैं। अखबार का कहना है कि पाकिस्तान के पूरे क्षेत्र में अमन स्थापित करने की कोशिशों को अब भारत भी सराह रहा है। भारतीय आर्मी चीफ ने कहा है कि एलओसी पर सीजफायर भारत-पाक सम्बंधों को बेहतर बनाने की तरफ पहला कदम है। भारत एलओसी पर सीजफायर कायम रखना चाहता है। उम्मीद है पाकिस्तान भी यही ख्वाहिश रखता है। सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वालों को सीजफायर से काफी फायदा होगा, क्योंकि एलओसी पर भारत-पाक के बीच व्याप्त तनाव की वजह से दोनों तरफ रहने वाले नागरिकों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। एलओसी पर पिछले 3 माह से जारी सीजफायर से अमन की बहाली का एहसास हुआ है। रोजनामा जंग ने सीमावर्ती क्षेत्र जफरवाल में भारतीय सुरक्षा बलों के जरिए गलती से सीमा पार किए जाने पर एक युवक को गोली मारे जाने की खबर दी है। अखबार का कहना है कि जफरवाल का रहने वाला यह व्यक्ति सैयद आसिम रजा 18 मई को गलती से सरहद पार कर गया था। अखबार का कहना है कि इसी दौरान भारतीय सुरक्षाबलों ने उस पर गोलियां चला दीं, जिसकी वजह से वह जख्मी हो गया था। अखबार का कहना है कि आसिम की मां ने अपने बेटे के लापता होने की खबर थाने में दर्ज कराई थी। अखबार का कहना है कि भारतीय मीडिया की तरफ से जारी होने वाली तस्वीरों में आसिम के जख्मी होने और उसका इलाज होने की बात कही गई है। अखबार का कहना है कि अब बताया गया है कि उसकी मौत हो गई है। रोजनामा नवाएवक्त ने जम्मू-कश्मीर से खबर प्रकाशित की है जिसमें बताया गया है कि पिछले 24 घंटों में सुरक्षाबलों और सेना के जरिए चलाए गए तलाशी अभियान और घेराबंदी में दो कश्मीरी नवयुवकों को मार गिराया गया है। अखबार का कहना है कि अनंतनाग में सर्च ऑपरेशन के दौरान की गई फायरिंग में दो नौजवान मारे गए हैं। अखबार ने बताया है कि कश्मीर में सेना और अर्धसैनिक बलों के जरिए पिछले कई महीनों से की जा रही तलाशी और घेराबंदी के दौरान अब तक दर्जनों कश्मीरियों को मौत के घाट उतार दिया गया है। अखबार ने बताया है कि सेना और अर्धसैनिक बलों की इस कार्रवाई का कश्मीर में मौजूद हुर्रियत कांफ्रेंस के नेताओं के जरिए विरोध किया जा रहा है और इसके खिलाफ धरना प्रदर्शन भी किया जा रहा है। हिन्दुस्थान समाचार/एम ओवैस/मोहम्मद शहजाद

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