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यूपी में रोजमर्रा की चीजों की नहीं होगी किल्लत, स्वास्थ्य सेवाओं पर ज्यादा जोर : सीएम योगी

लखनऊ, 23 अप्रैल (आईएएनएस)। वैश्विक महामारी कोरोना काल में लोगों को सामान की किल्लत न हो, इसके लिए यूपी सरकार ने ठोस पहल की है। इस बाबत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर सभी जिलों के डीएम जारी किए गए आदेश में कहा गया है कि किसी इकाई में उत्पादन बंद नहीं होगा और न ही कोई इकाई बंद होगी। उपायुक्त उद्योग, श्रम विभाग और अन्य विभाग के अधिकारियों के साथ समन्वय कर डीएम के माध्यम से यह सुनिश्चित कराएंगे। साथ ही यदि संभव हो, तो उद्योगों की क्षमता में वृद्धि भी कराएंगे। मुख्यमंत्री योगी अपनी बैठकों में इस बात को बार-बार दोहराते हैं कि जीवन के साथ जीविका भी बचाना जरूरी है। कोरोना काल में आम लोगों को किसी भी प्रकार के सामान की कमी का सामना न करना पड़े, इसके लिए कहा गया है कि आवश्यक वस्तुओं से सम्बन्धित उद्योग, जिसमें खाद्य पदार्थ ब्रेड, बिस्किट, आटा, दाल, खाद्य तेल, चावल, चीनी, पीने का पानी, दूध, दूध से बने उत्पाद और उन उत्पादों के लिए प्रयोग की जाने वाली पैकिंग सामग्री की इकाइयों के उत्पादों पर किसी भी प्रकार विपरीत प्रभाव न पड़े। मेडिकल उपकरण, जिसमें मास्क, सैनिटाइजर, वेंटीलेटर, पीपीई किट, दवा, जिनमें आयुष भी शामिल हैं, दवाओं में काम आने वाली सामग्रियां इण्टरमिडयरी और इनकी पैकिंग से सम्बन्धित सामग्री की इकाइयों में प्रयास किया जाए कि क्षमता वृद्धि की जा सके। साथ ही मास्क, सेनेटाइजर, पीपीई किट और वेंटीलेटर की इकाइयों को शत-प्रतिशत क्षमता के अनुसार संचालित करने के लिए कहा गया है। एमएसएमई के अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल ने बताया कि इकाइयों में अभियान चलाकर एंटीजन टेस्ट और आवश्यकतानुसार कोविड लक्षण वाले कर्मचारियों का आरटीपीसीआर टेस्ट कराने के भी निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा स्थानीय स्तर पर आवश्यक वस्तुओं के उत्पादन और आपूर्ति को बनाए रखने के लिए जो भी उपाय संभव हो, उसकी समीक्षा कर गतिमान करने के निर्देश दिए गए हैं। जिला प्रशासन को निर्देश दिए गए हैं कि जिन जिलों में मेडिकल किट दवाईयां और कोरोना सम्बन्धित इकाइयां हैं, उनकी उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए और उनके उत्पादों को निर्धारित स्थल तक आपूर्ति के लिए इनके प्रबन्धकों के साथ वार्ता जिला प्रशासन अपने स्तर से अवश्य करे, ताकि इन इकाइयों में किसी प्रकार की उत्पादन, आपूर्ति, ट्रांसपोर्टेशन, कच्चे माल की आपूर्ति, श्रमिकों की कमी, विद्युत आपूर्ति जैसी कोई समस्या न रहे और उत्पादन क्षमता और आपूर्ति अधिकतम बनी रहे। इसके अलावा जिन जिलों में सैनिटाइजर बनाने के लिए अल्कोहल, चीनी मिल इकाईयां आदि अधिकृत हैं, उनके लिए यह विशेष रूप से देखा जाए कि उन्हें लाइसेंस लेने, उत्पादन बढ़ाने और निरंतर आपूर्ति करने में कोई कठिनाई न हो। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम इकाइयों (एमएसएमई) का मास्क, पीपीई किट, ग्लब्स, सैनिटाइजर पैकेजिंग और अन्य कोविड से जुड़े उत्पादों को बढ़ाने में पूरा सहयोग किया जाए। किसानों को किसी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े, इसके लिए विशेष ध्यान दिया गया है। किसानों की सब्जी, दूध, अनाज, दाल मंडी तक पहुंचने में कोई बाधा नहीं आने के निर्देश दिए गए हैं। किसानों के गेहूं खरीद को लेकर कहा गया है कि चूंकि इसका सम्बन्ध किसानों और बहुसंख्यक आबादी के परिवार की आय से है, इसलिए गेहूं क्रय केन्द्रों पर तत्परता से खरीद कराने के लिए क्रय केन्द्रों की सक्रियता पर विशेष ध्यान दिया जाए। इसके अलावा खाद्य प्रसंस्करण बनाने वाली इकाइयां, फल, सब्जी की पैकेजिंग इकाइयां, कृषि संयंत्र और उनसे सम्बन्धित उत्पाद बनाने वाली इकाइयां, खाद, कीटनाशक, बीज उत्पादन और इनकी पैकिंग वाली इकाइयों, डिटरजेंट और साबुन उत्पाद की इकाइयों का संचालन पूरी क्षमता से हो। कुछ प्रदेशों में पूणर्त लॉकडाउन के कारण आने वाले दिनों में बड़ी संख्या में प्रवासी श्रमिकों के आने की संभावना है। इसलिए आवश्यक है कि उनके कुशलता की जानकारी विभिन्न विभागों ग्राम्य विकास, पंचायती राज, श्रम विभाग, राजस्व विभाग आदि के माध्यम से की जाए और सूची तैयार की जाए। प्रवासी श्रमिकों का स्थानीय स्तर पर इनके हुनर का उपयोग विभिन्न क्रिया कलापों, विभिन्न सामग्री के उत्पादन में किया जाए, जिससे इनके समक्ष रोजगार का संकट उत्पन्न न हो और विभिन्न वस्तुओं के उत्पादन में इनका सहयोग प्राप्त हो सके। जिला सेवा योजन अधिकारी स्किल मैपिंग कराएंगे। --आईएएनएस विकेटी/एएनएम

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