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केरल के वाम मोर्चे में दिखीं दरार, एलडीएफ ने सीपीआई को मारा ताना

तिरुवनंतपुरम, 19 मार्च (आईएएनएस)। सत्तारूढ़ लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) ने जब एलजेडी की मौजूदा राज्यसभा सीट भाकपा को सौंपने का फैसला किया तो उन्हें और उनकी पार्टी को बाहर किए जाने के बाद अपनी चुप्पी तोड़ी। एम.वी. लोजद अध्यक्ष श्रेयम्स कुमार ने कहा कि भाकपा ने इस सीट के लिए सौदेबाजी की है। कुमार एम.पी. वीरेंद्र कुमार के बेटे हैं। उन्हें पिता के 2020 में निधन के बाद राज्यसभा सीट मिली। उनका कार्यकाल 2 अप्रैल को समाप्त हो रहा है। इस बीच, कुमार सहित राज्यसभा की 3 सीटें खाली होने के कारण, एलडीएफ ने कुमार की सीट भाकपा को देने का फैसला किया और इस फैसले ने कुमार को नाराज कर दिया। कुमार ने कहा, सीपीआई ने सीट पाने के लिए अपनी सौदेबाजी की शक्ति का इस्तेमाल किया। अब हम रेल, लोकायुक्त नियमों में बदलाव और शराब नीति जैसे मुद्दों पर सीपीआई की स्थिति को उत्सुकता से देख रहे हैं। जो मैं समझता हूं वह हाल ही में समाप्त विधानसभा सत्र में है, सीपीआई सदस्यों की मुद्दों पर एक अलग स्थिति है। लेकिन भाकपा के राज्य सचिव कनम राजेंद्रन कुमार के झांसे में नहीं आए और कहा कि इस सब पर एलडीएफ की बैठक में चर्चा हुई। राजेंद्रन ने कहा, मुझे नहीं लगता कि इसका जवाब देने की जरूरत है क्योंकि एलडीएफ ने इसे मंजूरी दे दी है और नामांकन पत्र भी दाखिल कर दिया गया है और इसलिए यह एक बंद अध्याय है। जहां एलडीएफ में भाकपा दूसरी सबसे बड़ी पार्टी है, वहीं कुमार की पार्टी का सिर्फ एक विधायक है। साल 2017 तक एलजेडी कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ की सहयोगी थी और तब से वे एलडीएफ में चले गए हैं। --आईएएनएस एसएस/एएनएम

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