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प्रधानमंत्री बोले- जन प्रतिनिधियों को जनता की सुननी पड़ती है नाराजगी

- नागरिकों की तकलीफ पर चिंता करना जन प्रतिनिधियों और प्रशासन का स्वाभाविक दायित्व वाराणसी, 21 मई (हि.स.)। कोरोना से चल रही जंग में जन प्रतिनिधियों और प्रशासनिक अफसरों की भूमिका को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बड़ा संदेश दिया है। उन्होंने कहा कि लगातार काम करने के दौरान जन प्रतिनिधियों को कभी-कभी जनता की नाराजगी के स्वर सुनने पड़ते हैं। उन्होंने जन प्रतिनिधियों से कहा कि जनता के साथ नम्रता से जुड़ना मरहम का काम करता है। किसी भी नागरिक की तकलीफ पर चिंता करना जन प्रतिनिधियों और प्रशासनिक अफसरों का स्वाभाविक दायित्व है। शुक्रवार को प्रधानमंत्री अपने संसदीय क्षेत्र के डॉक्टरों, पैरामेडिकल स्टाफ और अन्य फ्रंटलाइन स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सीधा संवाद कर रहे थे। प्रधानमंत्री ने कहा कि परेशान नागरिकों की चिंता अधिकारियों और सरकार तक पहुंचाना और समाधान हमें आगे भी जारी रखना है। हमें अभी एक लंबी लड़ाई लड़नी है। बनारस और पूर्वांचल के ग्रामीण इलाकों पर भी बहुत ध्यान देना है। ‘जहां बीमार वहीं उपचार’, इस सिद्धांत पर माइक्रो-कंटेनमेंट जोन बनाकर जिस तरह शहर एवं गांवों में घर-घर दवाएं बांटी जा रही हैं, यह बहुत अच्छी पहल है। इस अभियान को और व्यापक करना है। प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं सभी जनप्रतिनिधियों को इस अभियान से जुड़ने के लिए संतोष प्रकट करता हूं। मुझे विश्वास है कि हम सबके सामूहिक प्रयास अच्छे परिणाम लाएंगे और बाबा विश्वनाथ की कृपा से हम सब इस लड़ाई को जीत जाएंगे। कोरोना ने हमसे कई अपनों को छीना है। मैं उन सभी लोगों को अपनी श्रद्धांजलि देता हूं, उनके परिजनों के प्रति सांत्वना व्यक्त करता हूं। कोरोना की दूसरी लहर में हमारे हेल्थ सिस्टम पर बहुत बड़ा दबाव पैदा हुआ। डॉक्टर्स, हेल्थ वर्कर्स के परिश्रम से हम इस चुनौती का मुकाबला कर रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी की जमकर की तारीफ प्रधानमंत्री ने उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्य की जमकर तारीफ के बाद दिमागी बुखार से उनके संघर्षों का उल्लेख कर भरोसा दिया कि प्रदेश सरकार दिमागी बुखार से बच्चों की जिंदगी बचाने में सफल हुई। इस बीमारी को काफी हद तक नियंत्रण में किया। इसका लाभ पूर्वांचल में बच्चों को हुआ है। यह उदाहरण हमें दिखाता है कि इसी तरह कि संवेदनशीलता कायम करके रखनी है। कोरोना से जंग में हमारा सामूहिक प्रयास काम कायेगा। बाबा विश्वनाथ के आशीर्वाद से काशी जीतेगी। मेरी काशी के लोग सबकी सेवा में जुटे प्रधानमंत्री ने अपने संसदीय क्षेत्र से मिले अपार जनसमर्थन और स्नेह का उल्लेखकर कहा कि वर्ष 2014 में जब मुझे बनारस ने सांसद बनाकर भेजा तब धन्यवाद ज्ञापन के समय हमने कुछ देने का वादा नहीं किया बल्कि कुछ मांगा। काशी को स्वच्छ बनाने का लोगों से वादा मांगा। मेरी काशी के लोग सबकी सेवा में जुटे हैं। आज पूरे विश्व में कोरोना से लड़ने में योग का महत्व बढ़ा है, योग और आयुष ने लोगों की ताकत बढाई है। हर-हर महादेव से उदघोष से की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हमेशा की तरह हर-हर महादेव के उदघोष के साथ अपनी बात शुरू की। मेरी काशी मेरी काशी कह कर संसदीय क्षेत्र के लोगों के प्रति महामारी काल में अभिभावक सरीखा संबल भी दिया। उन्होंने कहा कि काशी का एक सेवक होने के नाते हर एक काशीवासी का धन्यवाद देता हूं। विशेष रूप से डॉक्टर्स, नर्सेस, तकनीशियन, वॉर्ड ब्वॉय, एम्बुलेंस ड्राइवर आप सभी ने जो काम किया है, वो सराहनीय है।प्रधानमंत्री ने वर्चुअल संवाद के दौरान वाराणसी में डीआरडीओ हास्पिटल, बीएचयू के इंचार्ज ब्रिगेडियर डॉ. केके गुप्ता, भाभा कैंसर हास्पिटल के डॉ. असीम व मंडलीय हास्पिटल के एसआइसी डॉ. प्रसन्न कुमार से भी बात की। उनका सुझाव भी मांगा और अस्पताल के सुविधा के बारे में भी जाना। डीआरडीओ की भूमिका सराहनीय प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना काल में बनारस ने जिस स्पीड से इतने कम समय में ऑक्सीजन और आईसीयू बेड्स की संख्या कई गुना बढ़ाई है। डीआरडीओ ने जिस तरह इतनी जल्दी पंडित राजन मिश्र कोविड अस्पताल को सक्रिय किया है, यह भी अपने आप में एक उदाहरण है। हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर/मोहित/सुनीत

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