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बदलेगा मोदी की रैलियों का स्वरूप, शारीरिक दूरी पर दिया जाएगा जोर

कोलकाता, 19 अप्रैल (हि.स.)। पूरे देश में तेजी से कोविड-19 के प्रसार के बावजूद पश्चिम बंगाल में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मैराथन रैलियों को लेकर लगातार आलोचनाओं में घिरी भारतीय जनता पार्टी ने आखिरकार प्रधानमंत्री की रैली में शारीरिक दूरी को बढ़ावा देने पर जोर देना शुरू कर दिया है। प्रदेश भाजपा सूत्रों ने बताया है कि प्रधानमंत्री की जनसभाओं का स्वरूप बदला जाएगा और बहुत हद तक कोशिश होगी कि वर्चुअल रैली की जाए। बिहार की तर्ज पर प्रधानमंत्री मोदी पश्चिम बंगाल में वर्चुअल रैलियों को संबोधित करेंगे। रैलियों में शारीरिक दूरी का विशेष ध्यान रखा गया जाएगा। भाजपा के बंगाल प्रभारी और राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने ट्वीट किया, "कोरोना संक्रमण को देखते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय से निर्देश प्राप्त हुए हैं कि माननीय प्रधानमंत्री जी की सभाओं का स्वरूप बदला जाए। शारीरिक दूरी का विशेष ध्यान रखा जाए।” मोदी की बंगाल में 23 अप्रैल को मालदा, मुर्शिदाबाद, सिउरी और दक्षिण कोलकाता में चार रैलियां होनी हैं। अब रैली में पूरे जिले के लोगों को एक जगह आने की जरूरत नहीं होगी और हर विधान सभा में प्रधानमंत्री के भाषण को सुनने के लिए बड़ी-बड़ी स्क्रीन लगाई जाएंगी। इसके बाद रैली स्थल पर कम से कम लोग पहुंचेंगे, जो शारीरिक दूरी का पालन करेंगे। पहले प्रधानमंत्री की रैली 21 और 22 अप्रैल को होने वाली थी लेकिन उन रैलियों को स्थगित कर दिया गया है। इससे पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने चुनाव प्रचार नहीं करने का फैसला किया था। ममता बनर्जी अब कोलकाता में प्रचार नहीं करेंगी। वह प्रतीकात्मक तौर पर शहर में चुनाव प्रचार के आखिरी दिन सिर्फ एक बैठक करेंगी इसके साथ ही जहां पर पहले से चुनावी रैली की तारीख निर्धारित है, वहां पर समय को घटाकर सिर्फ 30 मिनट कर दिया गया है। हिन्दुस्थान समाचार / ओम प्रकाश

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