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चंदा कोविड में मदद के नाम पर इक्कठा किया गया था, दोषी हैं तो राणा अय्यूब की जांच हो : प्रियंका चतुर्वेदी

नई दिल्ली, 11 फरवरी (आईएएनएस)। शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा पत्रकार राणा अय्यूब के खिलाफ धनशोधन के आरोपों की जांच की मांग की है। ईडी ने पत्रकार राणा अय्यूब के खिलाफ धनशोधन के आरोपों की जांच के लिए उनका धन जब्त किया है। राणा पर कोविड-19 राहत कार्यों के नाम पर इकट्ठा किए गए चंदे की राशि के गबन का आरोप है। इसी को लेकर शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने शुक्रवार को कहा, कोरोना महामारी के दौरान दान के रूप में बड़ी मात्रा में धन एकत्र किया गया था। तब पत्रकार राणा अय्यूब की ओर से कहा गया था कि वह गरीब लोगों की मदद करेंगी। अगर पैसे का गलत इस्तेमाल हुआ है तो जांच होनी चाहिए। उल्लेखनीय है कि ईडी ने पत्रकार राणा अयूब के 1.77 करोड़ रुपये जब्त किए हैं। इस मामले में ईडी अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने कथित तौर पर 3 अभियानों के लिए दिए गए दान का सही उद्देश्य के लिए इस्तेमाल नहीं किया था। ईडी ने यह कदम यूपी की गाजियाबाद पुलिस द्वारा दर्ज प्राथमिकी (एफआईआर) के आधार पर उठाया है। ईडी अधिकारियों के अनुसार, राणा अय्यूब ने कोविड, बाढ़ राहत और प्रवासियों के लिए तीन ऑनलाइन अभियान शुरू किए थे। यह एक तरह की क्राउड फंडिंग थी। उन्हें एफसीआरए (विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम की मंजूरी के बिना विदेशी योगदान मिला। हालांकि इनकम टैक्स और ईडी की कार्रवाई के बाद पत्रकार राणा ने विदेशी चंदा वापस कर दिया था। जानकारी के अनुसार, विदेशी चंदे की वापसी के बाद भी उनके पास लगभग 2 करोड़ रुपये थे, लेकिन कथित तौर पर केवल 28 लाख रुपये का ही उपयोग किया गया था। ईडी का कहना हि कि उन्होंने गोवा की यात्रा जैसे निजी खचरें के लिए चंदे का इस्तेमाल किया था। ईडी के अनुसार, राणा अय्यूब ने कथित तौर पर दान के पैसे का उपयोग करके 50 लाख रुपये की फिक्स डिपोजिट भी की थी। राणा अय्यूब स्वतंत्र पत्रकार हैं और वह कई मीडिया संस्थानों के लिए लिखती हैं। इनमें अमेरिकी अखबार वॉशिंगटन पोस्ट भी शामिल है, जिसके लिए वह स्तंभ लिखती हैं। उन्होंने 2002 के गोधरा दंगों पर खुद की हुई जांच और स्टिंग ऑपरेशनों पर आधारित किताब गुजरात फाइल्स भी लिखी है। --आईएएनएस पीटीके/एसजीके

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