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दोहा में दस दिन से पड़ा है झारखंड के मजदूर का शव, कोई नहीं सुन रहा घरवालों की गुहार

रांची, 1 अप्रैल (आईएएनएस)। झारखंड के एक शख्स गोविंद महतो की लाश पिछले दस दिनों से अरब देश कतर में पड़ी है। वह कतर की राजधानी दोहा में इलेक्ट्रिसिटी ट्रांसमिशन लाइन तैयार करने वाली एक कंपनी में मजदूरी करता था। घरवालों को उसकी मौत की खबर दी गई है, लेकिन लाश कब और कैसे आएगी, इसके बारे में कोई कुछ बता नहीं रहा। परिवार के मुखिया और घर के एकमात्र कमाऊ सदस्य की मौत की खबर से पूरा परिवार टूट गया है। झारखंड में प्रवासी मजदूरों के हक के लिए काम करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता सिकंदर अली ने राज्य और केंद्र सरकार से गोविंद महतो का शव मंगाने के लिए आवश्यक कदम उठाने की मांग की है। 45 वर्षीय गोविंद महतो गिरिडीह जिले के बगोदर थाना क्षेत्र अंतर्गत घाघरा ग्राम का रहने वाला था। उसकी पत्नी बसंती देवी कहती हैं कि घर-परिवार की माली हालत ठीक नहीं है। अच्छे रोजगार के लालच में वह कतर गये थे। बसंती देवी के मुताबिक वह एलएनटी की ट्रांसमिशन कंपनी में मजदूरी करते थे। बीते 24 मार्च 2022 को उनकी मौत खबर दी गई तो दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। गोविंद महतो की मौत इसके दो दिन पहले ही हुई थी। उसकी पत्नी कहती हैं कि नौ-दस दिन बाद भी पता नहीं है कि दोहा से उसके पति का शव यहां कैसे आयेगा। इस बारे में कंपनी में बार-बार फोन करने के बावजूद कोई साफ जवाब नहीं मिल रहा है। वह अफसरों के पास दौड़ लगा रही है, लेकिन अभी तक कहीं से इस संबंध में ठोस आश्वासन तक नहीं मिला है। घर में चूल्हा-चौकी बंद है। बच्चों के आंसू थम नहीं रहे। --आईएएनएस एसएनसी/एएनएम

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