झारखंड के मेडिकल कॉलेजों की मॉच्र्युरी में लाशों की फजीहत, अमेरिकन फोटोग्राफर की सड़ी-गली लाश सौंपी गयी उनके मित्र को

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रांची, 4 मई (आईएएनएस)। झारखंड के मेडिकल कॉलेजों में लाशों को भी दुर्दशा झेलनी पड़ रही है। मॉच्र्युरी में लाशें सड़ रही हैं और बदबू दूर तक फैल रही है। रांची में स्थित राज्य के सबसे बड़े मेडिकल कॉलेज रिम्स में दस दिन पहले रखी गयी अमेरिकन नागरिक मार्कोस लैथरडेल की लाश भी बुरी तरह सड़ गयी। उनका अंतिम संस्कार करने आये उनके दोस्त कैलाश यादव को रिम्स से उनका शव जिस हाल में मिला, उससे वे बेहद आहत हुए। मार्कोस मूल रूप से कनाडा के रहने वाले थे। प्रोफेशनल फोटोग्राफर के तौर पर उनकी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान थी। मार्कोस लैथरडेल पिछले डेढ़ साल से रांची के मैकलुस्कीगंज में रह रहे थे। बीते 23 अप्रैल को उन्होंने डिप्रेशन के चलते खुदकुशी कर ली थी। उनके अंतिम संस्कार के लिए अमेरिकन दूतावास की इजाजत की जरूरत थी। यह प्रक्रिया पूरी होने तक के लिए पुलिस ने उनकी लाश रिम्स की मॉच्र्युरी में रखवा दी। अंतिम संस्कार की इजाजत मिलने के बाद 3 मई को उनके दोस्त कैलाश यादव जब उनका पार्थिव शरीर लेने पहुंचे तो शव क्षत-विक्षत हाल में उन्हें सौंपा गया। रिम्स में कई अन्य लाशें सड़ रही हैं। दरअसल यहां की मॉच्र्युरी में डीप फ्रीजर खराब हो चुका है। यह स्थिति पिछले कई महीनों से है, लेकिन व्यवस्था दुरुस्त करने की ओर से किसी ने ध्यान नहीं दिया। रांची और आसपास के इलाकों में लावारिस शवों का अंतिम संस्कार करने के पहले रिम्स की मॉच्र्युरी में रखा जाता है। लेकिन डीप फ्रीजर की खराबी के चलते इनकी फजीहत हो रही है। रिम्स के सुपरिंटेंडेंट डॉ हिरेंद्र बिरुआ का कहना है कि एक एजेंसी को फ्रीजर ठीक करने का काम सौंपा गया था, लेकिन किसी वजह से उसने काम नहीं किया। जल्द ही इसे ठीक करा लिया जायेगा। धनबाद स्थित मेडिकल कॉलेज एसएनएनएमसीएच की मॉच्र्युरी का भी यही हाल है। यहां छह-छह बॉक्स वाले दो डीप फ्रीजर खराब पड़े हैं। विधायक फंड से पिछले ही साल खरीदे गये डीप फ्रीजर छह महीने से खराब पड़े हैं। बताया जा रहा है कि महज सात-आठ हजार रुपये की खातिर इनकी मरम्मत नहीं करायी जा रही है। इस वजह से यहां रखी गयी लाशें सड़ रही हैं। हालांकि कॉलेज के प्राचार्य डॉ ज्योति रंजन ने कहा है कि जल्द ही फ्रीजर की व्यवस्था ठीक करा ली जायेगी। --आईएएनएस एसएनसी/एएनएम

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