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तेलंगाना : स्वास्थ्य मंत्री ईटेला पर जमीन कब्जाने का आरोप, सीएम ने दिए जांच के आदेश

-गरीब किसानों ने सीएम को दिए ज्ञापन में स्वास्थ्य मंत्री और उनके समर्थकों पर सौ एकड़ भूमि पर कब्जा करने का लगाया है आरोप हैदराबाद, 01 मई, (हि.स.)। तेलंगाना गठन के बाद संभवत: पहली बार कल शुक्रवार शाम राज्य के राजनीतिक क्षेत्र में खलबली देखी गयी। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ईटेला राजेंद्र और मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव के बीच मतभेद खुलकर सार्वजनिक हो गये हैं। पृथक तेलंगाना आंदोलन के समय से मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव के साथ रहे बीसी नेता व स्वास्थ्य मंत्री ईटेला राजेंद्र के खिलाफ गरीब किसानों की असाइन्ड भूमि पर कब्जा करने का गंभीर आरोप लगा। इस पर लगे हाथों मुख्यमंत्री ने विस्तृत जाँच कर रिपोर्ट देने के आदेश भी दे दिये। ईटेला के खिलाफ लगे इन आरोपों का असर न केवल सत्तारूढ़ तेलंगाना राष्ट्र समिति (तेरास) में देखने को मिला बल्कि राज्य के राजनीतिक क्षेत्र में भी भारी खलबली मच गयी है। उल्लेखनीय है कि कई मंत्रियों व विधायकों के खिलाफ कई बार आरोप लगने के बावजूद उन्हें अनसुना करने वाले मुख्यमंत्री केसीआर ने ईटेला के खिलाफ कार्रवाई करने में काफी दिलचस्पी दिखायी। सत्ताधारी पार्टी के चैनल टीन्यूज ने लिए इस खबर को प्रमुखता से दिखाकर यह स्पष्ट संदेश दे दिया है कि पर्दे के पीछे कुछ है, पक कुछ और रहा है। चैनल ने स्वास्थ्य मंत्री को कब्जाखोर तक कह दिया। इसका नतीजा यह हो सकता है की अगले कुछ दिनों में कैसीआर इंटेला को मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता दिखा सकते हैं। कल अचानक आरंभ हुआ घटनाक्रम यह है- मेदक जिले के मसाईपेट मंडल स्थित अच्चमपेट और हकीमपेट गाँवों के किसानों जिनके नाम चाकलि लिंगय्या, बिच्चववा, नागुल, एस्कला दुर्गय्या, एल्लय्या, रामुलु आदि ने सीएम केसीआर को दिये लंबे-चौड़े ज्ञापन में आरोप लगाया कि उन्हें वर्ष 1994 में तत्कालीन सरकार द्वारा दी गयी असाइन्ड भूमि मंत्री ईटेला राजेंद्र और उनके समर्थकों ने धमकियाँ देकर छीन ली। उन्होंने शिकायत में कहा कि लगभग सौ एकड़ जमीन गरीब किसानों से उनकी भूमि संबंधित पत्र मंत्री और उनके समर्थकों ने जबरन ले लिये। उन्होंने बताया कि लगभग सौ एकड़ असाइन्ड भूमि पर अवैध कब्जा कर लिया गया और उक्त भूमि पर नियमों के खिलाफ एक मुर्गापालन उद्योग की भी स्थापना की जा रही है। किसानों ने केसीआर से उक्त भूमि उन्हें वापस दिलाने का आग्रह किया। इन किसानों की शिकायत पर केसीआर ने तुरंत एक्शन लेते हुए विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा। मुख्यमंत्री ने राज्य विजिलेंस डिपार्टमेंट के निदेशक पूर्णचंद्र राव और मेदक जिलाधिकारी को जांच के आदेश दिए हैं। हिंदुस्थान समाचार/नागराज/रामानुज

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