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तेलंगाना के डीजीपी महेंद्र रेड्डी ने ड्यूटी की ज्वाइन

हैदराबाद, 5 मार्च (आईएएनएस)। तेलंगाना के पुलिस महानिदेशक एम. महेंद्र रेड्डी शनिवार को दो सप्ताह के चिकित्सा अवकाश के बाद ड्यूटी पर शामिल हो गये। वह अपने आवास पर गिरने के बाद लगी चोटों के कारण 18 फरवरी से छुट्टी पर थे। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) के प्रमुख अंजनी कुमार इस अवधि के दौरान प्रभारी डीजीपी (पुलिस बल के प्रमुख) के रूप में कार्यरत थे। दो दिन पहले, महेंद्र रेड्डी ने तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी (टीपीसीसी) के अध्यक्ष ए रेवंत रेड्डी के एक आरोप की निंदा की थी कि राज्य सरकार ने उन्हें जबरन छुट्टी पर भेज दिया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि वह हेयरलाइन फ्रैक्च र के कारण चिकित्सा अवकाश पर हैं। पुलिस प्रमुख ने कहा कि एक्स-रे, सीटी स्कैन और एमआरआई रिपोर्ट की जांच के बाद डॉक्टरों ने हेयरलाइन फ्रैक्च र की पुष्टि की और उन्हें आराम करने की सलाह दी। उन्होंने कहा था कि वह डॉक्टरों की सलाह के अनुसार ड्यूटी ज्वाइन करेंगे। रेवंत रेड्डी ने बुधवार को दावा किया कि मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव की जड़ें बिहार में हैं और उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि बिहार मूल के आईएएस और आईपीएस अधिकारियों के एक समूह को राज्य में महत्वपूर्ण पद दिए गए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने मौजूदा डीजीपी को छुट्टी पर भेजकर अंजनी कुमार को डीजीपी बनाया है। तेलंगाना के आईपीएस ऑफिसर्स एसोसिएशन ने रेवंत रेड्डी के बयान की कड़ी निंदा की। एसोसिएशन ने इसे निराधार बयान करार दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि महेंद्र रेड्डी अपने घर पर लगी चोटों के कारण चिकित्सा अवकाश पर गए थे। हेयरलाइन फ्रैक्च र के उचित उपचार को सुनिश्चित करने के लिए, उन्हें डॉक्टरों द्वारा आराम करने की सलाह दी गई और इसलिए वे चिकित्सा अवकाश पर चले गए। बयान में कहा गया है कि महेंद्र रेड्डी के बारे में बयान बिना तथ्यों के सत्यापन और वैज्ञानिक क्लीनिकल ट्रायल रिपोर्ट के गैर-जिम्मेदाराना तरीके से दिए गए। एसोसिएशन ने एक बयान में कहा, उनके अच्छे स्वास्थ्य और शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करने के बजाय, उक्त नेताओं ने प्रचार के लिए अधिकारी को अनावश्यक रूप से घसीटा है। आईपीएस अधिकारियों के निकाय ने कहा कि आईपीएस अधिकारी अंजनी कुमार और एक विशेष राज्य के कुछ आईएएस अधिकारियों को निशाना बनाने वाले बयान पक्षपातपूर्ण सोच और भारत के संविधान और अखिल भारतीय सेवाओं के प्रावधानों के बारे में ज्ञान की कमी को दर्शाते हैं। --आईएएनएस एचके/एएनएम

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