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तेदेपा विधायकों ने आंध्र के मुख्यमंत्री की तस्वीर को शराब से धोया

अमरावती, 21 मार्च (आईएएनएस)। विपक्षी तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के विधायकों ने शराब की खपत को प्रोत्साहित करने वाली राज्य सरकार के विरोध में सोमवार को आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी का चित्र शराब से धो दिया। पार्टी महासचिव और विधान परिषद सदस्य नारा लोकेश के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन के दौरान विधायक मुख्यमंत्री के चित्र पर बोतलें लाए और शराब डाल दी। वे कलती सारा (मिलावटी शराब) सीएम, डाउन डाउन के नारे लगा रहे थे। चल रहे बजट सत्र में भाग लेने से पहले विपक्षी विधायकों और एमएलसी ने तख्तियां लिए और नारेबाजी करते हुए लगातार पांचवें दिन विधानमंडल परिसर के पास धरना दिया। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि राज्य जे-ब्रांड शराब, अवैध अरक, मारिजुआना और मादक दवाओं में डूब रहा है। तेदेपा नेताओं ने कहा कि वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) सरकार सस्ती शराब और नकली ब्रांड बेच रही है, जिसके परिणामस्वरूप जंगारेड्डीगुडेम शहर में हाल ही में हुई मौतों की सूचना मिली है। उन्होंने पीड़ित परिवारों के लिए 25-25 लाख रुपये की अनुग्रह राशि की मांग की। तेदेपा नेता चिन्नाराजप्पा ने मांग की है कि जंगारेड्डीगुडेम में शराब से कोई मौत नहीं हुई है, यह कहकर विधानसभा को गुमराह करने के लिए मुख्यमंत्री को इस्तीफा देना चाहिए। विपक्षी विधायकों ने जगन मोहन रेड्डी को राज्य में पूर्ण शराबबंदी के अपने चुनावी वादे से पीछे हटने के लिए भी नारा दिया। उन्होंने कहा कि सरकार शराब की बिक्री से राजस्व के लिए लोगों के जीवन को खतरे में डाल रही है। इस बीच, तेदेपा विधायकों को एक दिन के लिए विधानसभा से निलंबित कर दिया गया क्योंकि उन्होंने शराब से होने वाली मौतों पर बहस की मांग को लेकर सदन की कार्यवाही को रोकने की कोशिश की। लगातार पांचवें दिन, तेदेपा सदस्य बहस पर जोर देने के लिए सदन के वेल में आ गए। अध्यक्ष टी. सीताराम द्वारा सदस्यों से अपनी सीटों को फिर से शुरू करने के लिए बार-बार अपील करने पर कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली, राज्य सरकार ने सदन से उनके निलंबन के लिए एक प्रस्ताव पेश किया। तेदेपा अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू के आह्वान पर तेदेपा नेताओं ने सोमवार को विभिन्न जिलों में शराब की दुकानों के सामने धरना दिया। राज्य में हर जगह अवैध और सस्ती शराब का प्रवाह होने का आरोप लगाते हुए टीडीपी पहले ही शराब से होने वाले राजस्व पर श्वेत पत्र की मांग कर चुकी है। विपक्षी दल ने यह भी आरोप लगाया है कि वाईएसआरसीपी नेता सस्ती शराब, गांजा और नशीली दवाओं से राज्य में आने वाले शराब राजस्व से 10 गुना अधिक कमा रहे हैं। --आईएएनएस एसकेके/आरजेएस

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