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आंध्र प्रदेश विधानसभा से तेदेपा विधायक निलंबित

अमरावती, 17 मार्च (आईएएनएस)। मुख्य विपक्षी दल तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के सदस्यों को लगातार चौथे दिन आंध्र प्रदेश विधानसभा से निलंबित कर दिया गया, क्योंकि वे जंगारेड्डीगुडेम जहरीली शराब कांड पर बहस की मांग को लेकर कार्यवाही ठप कर रहे थे। सरकार द्वारा प्रस्ताव पेश किए जाने के बाद स्पीकर तम्मिनेनी सीताराम ने 11 विधायकों को एक दिन के लिए सदन से निलंबित कर दिया। पिछले तीन दिनों की तरह सदन की कार्यवाही शुरू होते ही तेदेपा सदस्य खड़े हो गए। हालांकि अध्यक्ष ने उनके स्थगन प्रस्ताव को खारिज कर दिया, उन्होंने सदन में उस घटना पर बहस करने पर जोर दिया जिसमें पिछले कुछ दिनों के दौरान जंगारेड्डीगुडेम शहर में अवैध रूप से शराब पीने के बाद कथित तौर पर 25 लोगों की मौत हो गई थी। अध्यक्ष ने कहा कि चूंकि मुख्यमंत्री वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी ने इस मुद्दे पर दो बार बयान दिया है, इसलिए किसी बहस की कोई आवश्यकता नहीं है। विपक्षी विधायकों ने नारेबाजी कर अपना विरोध जारी रखा। वे प्रश्नकाल बाधित करते हुए सदन के वेल में भी आ गए। स्पीकर ने सदन की कार्यवाही को अपने मोबाइल फोन पर रिकॉर्ड करने के लिए तेदेपा के कुछ विधायकों की खिंचाई की। उन्होंने कहा कि नियम सदन में मोबाइल फोन के इस्तेमाल की इजाजत नहीं देते हैं। उन्होंने फैसला सुनाया कि सदस्य सदन में अपना मोबाइल फोन नहीं लाएं। जैसा कि विधायकों ने अध्यक्ष की बात नहीं मानी, सरकार ने एक दिन के लिए उनके निलंबन का प्रस्ताव पेश किया। ध्वनिमत से प्रस्ताव पारित होने के बाद अध्यक्ष ने निलंबित विधायकों को सदन से बाहर जाने का निर्देश दिया। जब वे सदन से बाहर नहीं निकले, तो अध्यक्ष ने मार्शलों को उन्हें हटाने के लिए बुलाया। विपक्षी दल ने आरोप लगाया कि मार्शलों की मदद से विधानसभा का संचालन किया जा रहा है। पूर्व मंत्री चिन्नाराजप्पा ने कहा कि मुख्यमंत्री ने विधानसभा में झूठा बयान दिया कि अवैध शराब से कोई मौत नहीं हुई है। विपक्षी विधायकों ने कहा कि वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) सरकार उन्हें निलंबित करके उनकी आवाज दबा रही है। तेदेपा महासचिव नारा लोकेश ने आरोप लगाया कि सरकार इस मुद्दे पर बहस से भाग रही है। उन्होंने कहा कि जगन रेड्डी ने दावा किया कि सभी मौतें प्राकृतिक मौतें थीं, मंत्रियों ने कहा कि चार से छह मौतें अवैध शराब के कारण हुईं। उन्होंने मांग की कि मुख्यमंत्री विधानसभा को गुमराह करने और लोगों को धोखा देने के लिए इस्तीफा दें। उन्होंने कहा कि सदन में झूठे बयान देने के लिए उनके खिलाफ विशेषाधिकार नोटिस दिया गया है। --आईएएनएस आरएचए/एएनएम

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