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फरारी के दौरान पांच बार पुलिस के हाथ से फिसला सुशील

नई दिल्ली, 27 मई (हि.स.) । पहलवान सागर हत्याकांड के बाद जब पुलिस सुशील कुमार को लेकर छापेमारी कर रही थी तो पांच बार ऐसा मौका आया, जब वह अपने ठिकाने से महज चंद मिनट पहले ही निकल कर पुलिस को चकमा दे गया। स्थानीय पुलिस, क्राइम ब्रांच व स्पेशल सेल की टीम लगातार उसकी तलाश में जुटी थीं, लेकिन स्पेशल सेल उसके सबसे करीब थी और हर पल-पल की सूचना इकट्ठा का रही थी। उसके हिसाब से लगातार उसके ठिकानों पर छापेमारी भी कर रही थी। हालांकि शातिर बदमाश की तरह से आरोपित सुशील भी लगातार पुलिस को गच्चा दे रहा था। 19 दिनों की फरारी के दौरान सुशील ने करीब 19 बार पुलिस से बचने के लिए समय गुजारे। कुछ जगहों पर एक दिन या फिर रात गुजारी तो कुछ जगहों पर महज चंद घंटे गुजारे। इस क्रम में उसकी तलाश में उत्तराखंड, पश्चिमी यूपी, हरियाणा, पंजाब व दिल्ली में लगातार छापेमारी कर रही पुलिस ने उसके नजदीक आने का प्रयास करती रही और वह पुलिस को छकाता रहा। हालांकि फरारी के आखिरी चार दिनों में स्पेशल सेल की टीम तो तकनीकी सर्विलांस के आधार पर उसके इतने करीब पहुंच गई थी कि उसके पांच ठिकानों पर उसे दबोचने के लिए छापेमारी की, लेकिन वह वहां से चंद मिनट पहले ही निकल गया और पुलिस हाथ मलती रह गई। सबसे पहली बार पुलिस ने उसके बहादुरगढ़ के ठिकाने की जानकारी हासिल करने के बाद छापेमारी की तो पता चला कि वह यहां से निकल गया है, दूसरी बार पुलिस ने उसके बठिंडा ठिकाने पर रेड की, लेकिन वह वहां से भी कुछ समय पहले ही निकल गया। तीसरी बार पुलिस ने मोहाली के एक फ्लैट में छापेमारी की तो पता चला कि वह वहां से भी जा चुका है। इसके बाद चौथी बार उसकी तलाश करते हुए पुलिस उसके गुड़गांव स्थित ठिकाने पर गई तो यह जानकारी मिली कि वह यहां से भी निकल गया। पुलिस ने पांचवी छापेमारी दिल्ली के हरिनगर इलाके में की, जहां से सुशील ने स्कूटी ली थी तो वहां भी निराशा हाथ लगी, वह कुछ देर के लिए ही यहां आया था। लेकिन पांच बार पुलिस के हाथ से फिसलने के बाद अंतत: मुंडका मेट्रो स्टेशन के पास वह दबोचा गया। इस दौरान उसने पुलिस से बचने के लिए इन पांच प्रदेशों में 19 जगहों पर अपने जानकारों के जरिये शरण ली। हालांकि जांच में जुटी पुलिस अब उससे पूछताछ कर उसके इन ठिकानों के बारे में और उसे मदद करने वालों की जानकारी जुटा रही है। हिन्दुस्थान समाचार/अश्वनी

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