सुप्रीम कोर्ट ने ओडिशा एडमिन ट्रिब्यूनल खत्म करने के खिलाफ अर्जी पर केंद्र से जवाब मांगा

supreme-court-seeks-response-from-center-on-plea-against-scrapping-of-odisha-admin-tribunal
supreme-court-seeks-response-from-center-on-plea-against-scrapping-of-odisha-admin-tribunal

नई दिल्ली, 15 सितंबर (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को ओडिशा प्रशासनिक न्यायाधिकरण (ओएटी) को खत्म करने के खिलाफ दायर एक याचिका पर केंद्र से जवाब मांगा। जस्टिस एल. नागेश्वर राव, संजीव खन्ना और बी.आर. गवई ने यह देखते हुए कि यह कानून का सवाल है, जिसे तय करने की जरूरत है, केंद्र को नोटिस जारी किया और आठ सप्ताह के भीतर जवाब मांगा। इससे पहले, उड़ीसा उच्च न्यायालय ने याचिका को खारिज कर दिया था और केंद्र के कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग द्वारा 2 अगस्त, 2019 को ओएटी को समाप्त करने वाली अधिसूचना को बरकरार रखा था। उड़ीसा प्रशासनिक न्यायाधिकरण बार एसोसिएशन ने उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत का रुख किया। याचिका में कहा गया है, मौजूदा मामले में केंद्र अप्रत्यक्ष रूप से ऐसा करने के लिए जीसीए की धारा 21 को लागू नहीं कर सकता, जो सीधे एटी अधिनियम के तहत निषिद्ध था। सरकार का अवैध और मनमाना फैसला बरकरार रखने के बजाय रद्द किए जाने योग्य है। याचिका में कहा गया है कि उच्च न्यायालय ने सत्ता के दुरुपयोग पर ध्यान नहीं दिया और निर्णय को केवल एक प्रशासनिक कार्रवाई करार दिया। याचिकाकर्ता का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता आत्माराम नाडकर्णी ने पीठ के समक्ष दलील दी कि यह एक गंभीर मुद्दा है, जिस पर विचार करने की जरूरत है। उच्च न्यायालय ने पाया था कि राज्य के इस दृष्टिकोण का समर्थन करने के लिए पर्याप्त सामग्री थी कि ओएटी ने वादियों को त्वरित न्याय देने के उद्देश्य को पूरा नहीं किया है। --आईएएनएस एसजीके/एएनएम

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in