supreme-court-reprimands-manipur-government-on-pathetic-condition-of-kovid-care-centers
supreme-court-reprimands-manipur-government-on-pathetic-condition-of-kovid-care-centers

कोविड केयर सेंटर्स की दयनीय स्थिति पर सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर सरकार को लगाई फटकार

नई दिल्ली, 6 सितम्बर (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को मणिपुर सरकार की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उसने हाईकोर्ट के कोविड के प्रसार से निपटने के लिए राज्य के कामकाज को विनियमित करने के लिए व्यापक नियम बनाने के निर्देश को चुनौती दी थी। न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़, विक्रम नाथ और हिमा कोहली ने क्वारंटाइन सेंटरों की बुरी स्थिति पर राज्य सरकार की खिंचाई भी की। मणिपुर में कोविड केयर सेंटर की दयनीय स्थिति को लेकर शीर्ष अदालत ने मणिपुर सरकार को फटकार भी लगाई। दरअसल, राज्य सरकार ने कोविड केयर सेंटर की दयनीय स्थिति को लेकर दिए गए हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को फटकार लगाते हुए स्पष्ट कर दिया कि हाईकोर्ट का फैसला एकदम सही था। सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर सरकार को फटकारते हुए कहा कि राज्य के अंदर कोविड केयर सेंटर का रखरखाव ठीक से नहीं किया गया और क्वारंटीन सेंटर्स की हालत दयनीय है। यहां तक कि पुरुषों और महिलाओं के टॉयलेट भी अलग नहीं हैं। पीठ ने आगे कहा कि स्वास्थ्य कर्मियों ने नियमित रूप से बिस्तर तक नहीं बदला। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मणिपुर हाईकोर्ट ने जो आदेश दिया था वो एकदम सही था। शीर्ष अदालत ने अपने आदेश में कहा, हम भारत के संविधान के अनुच्छेद 136 के तहत विशेष अनुमति याचिका पर विचार करने के इच्छुक नहीं हैं। विशेष अनुमति याचिका को तदनुसार खारिज कर दिया जाता है। लंबित आवेदन, यदि कोई हो, का निपटारा किया जाता है। मणिपुर सरकार ने पिछले साल 16 जुलाई को पारित उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत का रुख किया था, जिसमें सरकार को कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए अपनाई जाने वाली कार्रवाई के बारे में सलाह देने के लिए विशेषज्ञों की एक समिति का गठन करने का निर्देश दिया गया था। उच्च न्यायालय ने इस बात पर जोर दिया था कि सरकार को कोविड-19 के प्रसार से निपटने के लिए दो योजनाएं बनानी चाहिए - एक अल्पकालिक योजना और एक दीर्घकालिक योजना। इसने राज्य सरकार को संकट से निपटने के लिए अपने कामकाज को विनियमित करने या मौजूदा एसओपी को उपयुक्त रूप से संशोधित करने के लिए विस्तृत नियम और कानून बनाने का भी निर्देश दिया था। --आईएएनएस एकेके/एएनएम

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in