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सुप्रीम कोर्ट ने योगी सरकार को कोरोना काल में श्रमिकों की व्यवस्था के लिए सराहा

लखनऊ, 29 जून (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक फैसले में वैश्विक महामारी कोरोना के कारण बड़ी संख्या में दूसरे प्रदेशों से घर वापस आने वाले श्रमिकों के लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार द्वारा की गई व्यवस्था की तारीफ की है। प्रवासी श्रमिकों की परेशानियों के संबंध में सुप्रीम कोर्ट ने दो याचिकाओं को निस्तारित करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की तारीफ की। बतादें कि प्रदेश सरकार ने कोरोना काल में श्रमिकों को एक हजार रुपये का भरण पोषण भत्ता देने के साथ राशन किट भी दिया गया। जिला मुख्यालय पर इनकी स्किल मैपिंग कराई गई और उनकी दक्षता के अनुसार स्थानीय स्तर पर उनको रोजगार देने का भी भरसक प्रयास किया गया है। प्रदेश सरकार के इन प्रयासों का जिक्र करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में इस बाबत पंजीकरण से लेकर स्किल मैपिंग तक के कार्यों को खुद में बड़ा काम माना है। सरकार अपने इन कर्यो के बारे में सुप्रीम कोर्ट में शपथ पत्र भी दे चुकी है। यही नहीं पारदर्शिता के लिए http://www.rahat.up.nic.in नाम से एक पोर्टल भी बनवाई थी। इसमें वापस आए श्रमिकों और उनके हित में सरकार द्वारा उठाए गए सभी कदमों की अद्यतन जानकारी थी। कोर्ट ने यह संज्ञान लिया कि पोर्टल पर अपलोड डाटा के अनुसार, उस दौरान कुल 37 लााख 84 हजार 255 श्रमिकों की घर वापसी हुई थी। स्किल मैपिंग के बाद अब तक 10 लाख 44 हजार 710 श्रमिकों को सरकार की विभिन्न योजनाओं के तहत रोजगार दिया जा चुका है। प्रदेश सरकार सुप्रीम कोर्ट को 01 अप्रैल, 2021 तक की अद्यतन स्थिति rahat.up.nic.in पोर्टल पर अपलोड है। हिन्दुस्थान समाचार/राजेश

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