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सुप्रीम कोर्ट : अटॉर्नी जनरल ने ईमेल के जरिये ट्रिब्यूनल में रिक्तियों के लगभग भरने की सूचना दी

नई दिल्ली, 24 फरवरी (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि अटॉर्नी जनरल (एजी) के के वेणुगोपाल ने एक ईमेल भेजा है, जिसमें कहा गया है कि देश भर के सभी न्यायाधिकरणों में रिक्तियां लगभग भर चुकी हैं। वरिष्ठ अधिवक्ता अरविंद दातार ने मुख्य न्यायाधीश एनवी रमण की अध्यक्षता और न्यायमूर्ति ए.एस. बोपन्ना और हिमा कोहली वाली पीठ के समक्ष न्यायाधिकरण रिक्तियों के मामले का उल्लेख किया। मुख्य न्यायाधीश ने दातार को बताया कि अटॉर्नी जनरल द्वारा एक ईमेल प्रसारित किया गया है। प्रधान न्यायाधीश ने कहा, एजी ने यह कहते हुए एक ईमेल प्रसारित किया कि ग्रीन ट्रिब्यूनल और सशस्त्र बल ट्रिब्यूनल में कुछ को छोड़कर सभी रिक्तियां लगभग भर चुकी हैं। ईमेल का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (एनसीएलएटी) में रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया आज (गुरुवार को) समाप्त हो जाएगी, लेकिन नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) में कुछ समय लगेगा। प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि अदालत को सूचित किया गया है कि आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण सहित शेष रिक्तियों को भी जल्द ही भरा जाएगा। 16 फरवरी को, ट्रिब्यूनल में रिक्तियों पर असंतोष व्यक्त करते हुए, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि देश भर में रिक्तियों को भरने के लिए केंद्र द्वारा कुछ नियुक्तियां की गईं, और नौकरशाही इस मुद्दे को हल्के ढंग से उठा रही है। प्रधान न्यायाधीश एन.वी. रमण की अध्यक्षता वाली पीठ ने तब कहा कि शुरू में कुछ नियुक्तियों के बाद भी कुछ खास नहीं हुआ। पीठ ने कहा कि अदालत को नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) के मामलों आदि के लिए समय बढ़ाने के अनुरोध मिल रहे हैं। पीठ ने कहा: कुछ नियुक्तियां हुईं और उसके बाद कुछ नहीं हुआ। हम भविष्य के भाग्य को नहीं जानते हैं। कई सेवानिवृत्त हो रहे हैं। शीर्ष अदालत ने जोर देकर कहा कि नौकरशाही इस मुद्दे को हल्के में ले रही है। इससे पहले, शीर्ष अदालत ने देश भर के न्यायाधिकरणों में रिक्तियों के संबंध में कुछ कड़ी टिप्पणियां की थीं। अटॉर्नी जनरल के.के. वेणुगोपाल ने अदालत के समक्ष दलील दी कि वह रिक्तियों की सूची और उन्हें भरने के लिए उठाए गए कदमों को दिखा सकते हैं। मामले में संक्षिप्त सुनवाई के बाद, शीर्ष अदालत ने मामले को दो सप्ताह के बाद आगे की सुनवाई के लिए निर्धारित किया। पिछले साल अगस्त में, शीर्ष अदालत ने यह दिखाने के लिए डेटा का हवाला दिया था कि देश भर के विभिन्न प्रमुख न्यायाधिकरणों और अपीलीय न्यायाधिकरणों में लगभग 250 पद खाली पड़े हैं। --आईएएनएस आरएचए/आरजेएस

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