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दक्षिणी निगम की पहली ई-हैरिटेज बुक ग्लोरीयस हैरिटेज का हुआ अनावरण

नई दिल्ली, 5 अगस्त (आईएएनएस)। दक्षिणी निगम की पहली ई-हैरिटेज बुक ग्लोरीयस हैरिटेज का आज अनावरण किया गया। ई-हैरिटेज बुक में निगम के अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली 108 बहुविध विरासत स्थलों के बारे में सुन्दर रूप से प्रदर्शित किया गया है। दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल, महापौर मुकेश सुर्यान व निगम आयुक्त ज्ञानेश भारती ने इसका अनावरण किया। इस अवसर पर स्थायी समिति के अध्यक्ष कर्नल बी.के.ओबरॉय, नेता सदन इन्द्रजीत सहरावत, स्थायी समिति की उपाध्यक्षा पूनम भाटी, अतिरिक्त आयुक्त ए.ए.ताजीर व निगम के अन्य उच्च अधिकारी उपस्थित रहे। इस दौरान उपराज्यपाल ने कहा कि, निगम अपने अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले विरासत स्थलों का संरक्षण कर रहा है और इस किताब के माध्यम से आज की युवा पीढ़ी को हमारी ऐतिहासिक धरोहर, प्राचीन इमारतों व स्मारकों के बारे में विस्तृत जानकारी दी जा रही है जोकि उल्लेखनीय है। दक्षिणी निगम सीमित संसाधनों व वित्तीय चुनौतियों के बावजूद इन स्थलों के संरक्षण की ओर कार्य कर रहा है और उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि प्राइवेट एजेंसियों के साथ मिलकर पीपीपी योजना के तहत संरक्षण के कार्य को और आगे बढ़ाया जा सकता है। वहीं महापौर मुकेश सुर्यान ने कहा कि, दक्षिणी निगम ने भारतीय इतिहास, संस्कृति और परम्परा को जीवित रखने के लिये हैरिटेज कन्जर्वेशन सेल की स्थापना की और हमारे अधिकारियों ने ऐसे 475 बहुविध विरासत स्थलों को चिन्हित किया जो निगम के अंतर्गत आते हैं। दरअसल इस किताब मे ऐसे 108 विरासत स्थलों को सु्न्दर चित्रों व रोचक तथ्यो के साथ प्रलेखित किया गया है। इसके अलावा इस किताब के दो और संस्करण भी बनाये जा रहे है जिसमें और अन्य विरासत स्थलों की जानकारी होगी। प्राचीनतम और नवीनतम माने गए विरासत स्थल इस पुस्तक में अनंगताल है जो बुध्द स्रीधर द्वारा 1132 ई. सन में उल्लिखित थे और दरियागंज पुलिस स्टेशन क्रमश 1930 ई. सन में बनाया गया। आयुक्त ज्ञानेश भारती के अनुसार, दक्षिणी निगम लोगों को नागरिक सुविधाएं उपलब्ध कराने के साथ-साथ विभिन्न दिशाओं में कार्य कर रहा है। दक्षिणी निगम के की स्थापना हैरिटेज कन्जर्वेशन सेल करने का उद्देश्य दिल्ली की अद्भुत ऐतिहासिक व सांस्कृतिक धरोहरों के महत्व को समझना और उनके संरक्षण व सुरक्षा की ओर कार्य करना है। उन्होंने कहा कि, यह ई- बुक दक्षिणी निगम की वेबसाइट पर उपलब्ध है और लोग इस किताब को पढ़कर दिल्ली प्राचीन स्मारकों का बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। --आईएएनएस एमएसके/एएनएम

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