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सिद्धार्थनगर: युवाओं को खेल में जाने का मौका दे रहा मनरेगा से तैयार ओपेन जिम

डॉ बलराम त्रिपाठी - बदली हसुडी औसानपुर गांव की तस्वीर - चिल्ड्रेन पार्क में चहलकदमी कर रहे बच्चे - 23 सीसी कैमरों से गांव की हो रही निगहबानी सिद्धार्थनगर, 07 जून (हि.स.)। जिले के भनवापुर विकास खंड के डिजिटल ग्राम पंचायत हसुडी औसानपुर के युवा ग्राम प्रधान दिलीप त्रिपाठी के सिर पर दूसरी बार सेहरा बंधा है। वजह, पंद्रह सौ आबादी वाले इस गांव ने विभिन्न योजनाओं के तहत मिले सरकारी धन से गांव की तस्वीर बदल दी है। यही वजह है कि ग्राम प्रधान दिलीप त्रिपाठी को तीन बार दीनदयाल सशक्तिकरण व दो बार नानाजी देशमुख राष्ट्रीय गौरव ग्राम पुरस्कार सरकार से मिल चुका है। अब इस गांव में बिजली के खंभों पर 23 सीसी कैमरे लगा दिए गए हैं। हर गतिविधि की निगहबानी हो रही है। गांव में लगे 23 साउंड तथा 45 सोलर स्ट्रीट लाइट संयंत्र गांव के आधुनिक होने की गवाही दे रहे हैं। इतना ही नहीं, गांव में लगी वाईफाई सेवा इसकी तकनीकी पुष्टता को बयां कर रही है। एसी कम्प्यूटर लैब में गरीब बच्चे कर रहे प्रायोगिक कार्य गांव के अंदर मुख्य मार्ग के दोनों तरफ की गई सुंदर चित्रकारी एवं विद्यालय की दीवारों पर रेल जंक्शन सहित महापुरुषों आदि का चित्र लोगों को आकर्षित कर रहे हैं। यहां का विद्यालय शहरों के आधुनिक प्राइवेट विद्यालयों की तरह वातानुकूलित कम्प्यूटर लैब से लैस हैं। आधुनिक-शास्त्रीय संगीत के साथ थाप लगा रहे नौनिहाल कमरों में लगी चमचमाती टाइल्स स्कूल, आधुनिक पंचायत भवन की सुंदरता को चार चांद लगाने वाले हैं तो स्कूल में शास्त्रीय संगीत की शिक्षा ले रहे नौनिहाल आधुनिक और शास्त्रीय संगीत के साथ कदमताल कर रहे हैं। जनसहयोग से बना दिया अस्पताल यह सबकुछ सरकारी धन से ही संभव नहीं हुआ है। पंचायत भवन के निर्माण पर जहां सरकार का 17 लाख खर्च हुआ है। अब ग्रामीणों को अपने स्वास्थ्य की जांच के लिए दूर नहीं जाना पड़ रहा। ग्रामीणों को सस्ता इलाज मिल रहा है और आसपास के ग्रामीणों को भी। मनरेगा धन के सदुपयोग ने बदली तस्वीर ओपन जिम के निर्माण में मनरेगा का साढ़े तीन लाख खर्च कर युवाओं को खेल क्षेत्र में जाने का मौका दिया गया है। इतना ही नहीं, मनरेगा से 06 लाख रुपये खर्च कर चिल्ड्रन पार्क का निर्माण भी हुआ है। अब नौनिहालों की चहलकदमियाँ सुबह-शाम को खुशगवार बना रही हैं। यहां ग्रामीणों के स्वास्थ्य का ख्याल रखा गया है, लेकिन इस मद में ग्राम प्रधान के खुद का प्रयास भी शामिल है। लोगों से सहयोग और व्यक्तिगत धन से यहां के ग्राम प्रधान ने दो हजार स्कवैयर फिट जमीन पर तकरीबन 20 लाख खर्च कर सबको स्वस्थ रखने का अथक प्रयास किया है। प्रदेश का पहला जीआईएस डिजिटल गांव है यह गांव, प्रदेश का पहला जीआईएस डिजिटल गांव भी है। गांव के लोग प्रधान दिलीप त्रिपाठी द्वारा कराए गए इन सभी विकास कार्यों से काफी खुश हैं, शायद यही वजह है कि ग्रामीणों ने उनको लगातार दूसरी बार ग्राम प्रधान बनाने का कार्य किया है। कहते हैं ग्राम प्रधान प्रधान दिलीप त्रिपाठी ने बताया कि गांव के बच्चों को कान्वेंट स्कूल जैसी आधुनिक सुविधा दिलाने की कोशिश की गई है। इसको डिजिटल गांव के रूप में देश में पहचान दिलाने के लिए प्रयास सफल रहा है। गांव के लोगों को स्थानीय स्तर पर रोजगार देने को भी प्रयास चल रहा है। अब अगले चरण में सार्वजनिक पोखरे पर मत्स्य व मुर्गा पालन की व्यवस्था करने की ओर कदम बढ़ाने की मंशा है। कार्य योजना तैयार है। जल्दी ही इसे अमल में लाया जाएगा। हिन्दुस्थान समाचार/ डॉ. बलराम

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