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शिवराज ने पेयजल पर बुलाई बैठक - बड़ा सवाल क्या हालात गंभीर हो चले

भोपाल, 25 अप्रैल (आईएएनएस)। गर्मी दस्तक दे चुकी है, बिजली के साथ पानी की समस्या भी अपना विस्तार कर रही है। मध्य प्रदेश के कई इलाकों में पानी के लिए लोगों को जद्दोजहद भी करनी पड़ रही है। इस बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का सुबह साढ़े छह बजे अपने निवास पर बैठक बुलाना संकट के गंभीर होने की तरफ इशारा कर रहा है। राज्य में नल से घर-घर जल पहुंचाने का अभियान जारी है, मगर गर्मी के मौसम में जल संकट के बढ़ने की आशंका हर किसी के मन में होती है। राज्य के कई इलाके बुंदेखलंड से लेकर विंध्य तक यह समस्या हर साल मुसीबत बनती है, मगर इस बार बिजली की आपूर्ति में आ रही बाधा ने जल संकट कई इलाकों में बढ़ाने का सन्देश देना शुरू कर दिया है। इस समस्या को विकराल रुप न मिले इसके लिए मुख्यमंत्री चौहान भी सचेत है। इसका संकेत भी मिला है। आधिकारिक जानकारी मे बताया गया है कि मुख्यमंत्री चौहान ने प्रदेश में गर्मी के मौसम में सुचारू पेयजल प्रदाय को लेकर प्रात: साढ़े छह बजे निवास कार्यालय में आपात बैठक बुलाई। मुख्यमंत्री चौहान ने पेयजल और पानी की सुचारु आपूर्ति के लिए निर्देश देते हुए कहा कि लो प्रेशर तथा बिजली के कारण टंकियों में पानी नहीं भर पाने जैसी समस्याओं और पाइप लाइन में गड़बड़ी आदि को चिन्हित कर तत्काल समाधान किया जाए। विद्युत आपूर्ति के संबंध में त्वरित समन्वय की व्यवस्था स्थापित की जाए। जहां आवश्यकता हो वहां हैंडपंप की व्यवस्था और जहां पानी के परिवहन की आवश्यकता हो वहां पानी का परिवहन करा कर पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। जलापूर्ति के लिए जितनी अधोसंरचना निर्मित हुई है, उसका उपयोग सुनिश्चित किया जाए। स्टाफ की कमी आउटसोर्स तथा अमले की अन्य आवश्यक व्यवस्था कर दूर की जाए। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि पूरे प्रदेश से पानी की समस्या की जानकारी मिल रही है। लोगों को राहत देना हमारा कत्र्तव्य है। अधिकारी गांव-गांव जाएं, समस्या देखें और उसके निराकरण के लिए कार्य कर लोगों को समाधान बताएं। मैदानी स्तर पर पानी आपूर्ति की व्यवस्था में लगे अमले को अपनी जिम्मेदारियों के प्रति जागरूक किया जाए। --आईएएनएस एसएनपी/एएनएम

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