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जनवरी के महीने में आरपीएफ ने 42 वयस्कों और 1045 बच्चों की सुरक्षा की

नई दिल्ली, 17 फरवरी, (आईएएनएस)। रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के जवानों ने मिशन जीवन रक्षा के तहत जनवरी 2022 में 42 लोगों को बचाया। महिला यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर मेरी सहेली टीमों को तैनात किया गया है। रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) को रेलवे संपत्ति, यात्री क्षेत्र, यात्रियों और उससे जुड़े मामलों की सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपी जाती है। रेलवे और रेल यात्रियों की सुरक्षा के लिए आरपीएफ के जवान बेहतरीन सेवा दे रहे हैं। आरपीएफ के जवान स्वयं के जीवन को जोखिम में डालकर विभिन्न रेलवे स्टेशनों और रेलवे क्षेत्र में रात-दिन चलती ट्रेनों के पहियों के नीचे आने के खतरे में लोगों की जान बचा रहे हैं। अब यह गतिविधि मिशन जीवन रक्षा के तहत मिशन मोड में शुरू की गई है। आरपीएफ कर्मियों ने जनवरी 2022 के दौरान इस मिशन के तहत 42 व्यक्तियों, 20 पुरुषों और 22 महिलाओं को बचाया। आरपीएफ ने कई कारणों से अपने परिवार से खोए व अलग हुए या अपने घरों से भागे हुए बच्चों को देखभाल और सुरक्षा की आवश्यकता वाले बच्चों को फिर से मिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यदि समय पर सुरक्षित नहीं किया गया तो वे शोषण और तस्करी के शिकार हो सकते हैं। बल कर्मियों को इस नेक कार्य और ऑपरेशन कोड नाम के तहत एक अखिल भारतीय कार्यक्रम के लिए प्रेरित किया गया था। वहीं नन्हे फरिश्ते भी लॉन्च किया गया था। जनवरी 2022 के महीने के दौरान, 1045 बच्चे (701 लड़के और 344 लड़कियां) जिन्हें देखभाल और सुरक्षा की आवश्यकता है, जो भारतीय रेलवे के संपर्क में आए थे, उन्हें गैर सरकारी संगठनों के समन्वय में अनुवर्ती कार्रवाई से बचाया गया था। वर्तमान में बच्चे भारतीय रेलवे के 132 रेलवे स्टेशनों पर हेल्प डेस्क काम कर रहे हैं। महिला यात्रियों को बेहतर सुरक्षा प्रदान करने के लिए महिला सुरक्षा कोड नाम के तहत कई नई पहल की गईं। जनवरी 2022 के महीने के दौरान, आरपीएफ ने प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर मेरी सहेली टीमों को तैनात किया है, जिसका उद्देश्य विशेष रूप से अकेले यात्रा करने वाली और अपराध की चपेट में आने वाली महिला यात्रियों को सुरक्षा प्रदान करना है। आरपीएफ कर्मी विशेष रूप से महिला आरपीएफ कर्मी, जो वर्तमान में कुल शक्ति का लगभग 9 फीसदी हैं, ऑपरेशन मातृशक्ति के तहत गर्भवती महिलाओं की मदद करने के लिए अपनी ट्रेन यात्रा के दौरान प्रसव में मदद करते हैं। इस साल ही महिला आरपीएफ कर्मियों ने 7 ऐसी महिला यात्रियों को सहायता प्रदान की और उनके बच्चों को इस दुनिया में लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। हालांकि पुलिसिंग भारतीय संविधान की 7वीं अनुसूची के तहत राज्य का विषय है, आरपीएफ ऑपरेशन यात्री सुरक्षा के तहत यात्री अपराध का मुकाबला करने के क्षेत्र में राज्य पुलिस के प्रयासों का पूरक है। 22 जनवरी माह के दौरान आरपीएफ ने यात्रियों के विरुद्ध अपराध के 254 मामलों में शामिल 300 से अधिक अपराधियों को गिरफ्तार कर संबंधित जीआरपी व स्थानीय पुलिस को सौंपा। रेलवे के माध्यम से मानव तस्करी के खतरे को रोकने के लिए, आरपीएफ चौबीसों घंटे अन्य हितधारकों के साथ समन्वय में काम कर रहा है। कोड नेम ऑपरेशन एएएचटी के तहत कार्रवाई करते हुए, आरपीएफ ने जनवरी 2022 के महीने में 08 तस्करों की गिरफ्तारी के साथ 35 व्यक्तियों (22 नाबालिगों) को छुड़ाया है और उन्हें पुलिस को सौंप दिया है। आरपीएफ को 2019 में एनडीपीएस अधिनियम के तहत तलाशी, जब्ती और गिरफ्तारी करने का अधिकार दिया गया था। नशीले पदार्थ न केवल युवाओं के स्वास्थ्य को नष्ट करते हैं, वे अर्थव्यवस्था और राष्ट्र की भलाई को भी नुकसान पहुंचाते हैं। एक ऑपरेशन के तहत आरपीएफ ने जनवरी, 2022 के दौरान 87 व्यक्तियों की गिरफ्तारी के साथ 4.57 करोड़ की कीमत के नारकोटिक्स उत्पादों को कर चोरों व कानून तोड़ने वालों से बरामद किया। --आईएएनएस पीटीके/एएनएम

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