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लाल किला हिंसा: लखबीर सिंह उर्फ लक्खा सिधाना की गिरफ्तारी पर रोक

नई दिल्ली, 29 जून (हि.स.)। दिल्ली के रोहिणी कोर्ट ने 26 जनवरी को लाल किला पर हुई हिंसा के मामले के आरोपित लखबीर सिंह उर्फ लक्खा सिधाना के खिलाफ दर्ज एक दूसरे मामले में गिरफ्तारी पर अगली सुनवाई तक रोक लगा दी है। एडिशनल सेशंस जज शिवाजी आनंद ने लक्खा को जांच में शामिल होने का निर्देश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 19 जुलाई को होगी। लक्खा पर लाल किला पर हिंसा के दौरान बाहरी दिल्ली की सड़क को जाम करने और बैरिकेड को नुकसान पहुंचाने का आरोप है। लक्खा पर आरोप है कि उसने पुलिस के आग्रह को भी नहीं माना और वो पुलिस अधिकारियों के शासकीय काम में बाधा डाल रहा था। सुनवाई के बाद कोर्ट ने लक्खा को जांच में शामिल होने का निर्देश दिया। लक्खा को ये दूसरी राहत है। इसके पहले पिछले 26 जून को लाल किला पर हुई हिंसा के मामले में तीस हजारी कोर्ट ने लक्खा की गिरफ्तारी पर 3 जुलाई तक रोक लगाने का आदेश दिया था। लाल किला पर हिंसा के मामले में लक्खा वांछित है। लक्खा पर दिल्ली पुलिस ने एक लाख रुपये का इनाम भी घोषित कर रखा था। पिछले 19 जून को मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने 26 जनवरी को लाल किला पर हुई हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस की ओर से दायर पूरक चार्जशीट पर संज्ञान लिया था। चार्जशीट में कहा गया है कि 26 जनवरी को लाल किला पर कब्जे की साजिश रची गई थी और उसे विरोध प्रदर्शन का केंद्र बनाने की योजना थी। चार्जशीट में कहा गया है कि गणतंत्र दिवस के दिन हिंसा फैलाने को सोची-समझी साजिश थी। इस हिंसा के जरिये केंद्र सरकार को बदनाम करने की योजना बनाई गई थी। दिल्ली पुलिस ने भारतीय दंड संहिता, आर्म्स एक्ट, प्रिवेंशन ऑफ डैमेज टू पब्लिक प्रोपर्टी, एंशिएंट मानुमेंट्स एंड आर्कियोलॉजिकल साईट्स एंड रिमेंस एक्ट, एपिडेमिक डिसीज एक्ट और डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत आरोप लगाए हैं। कोर्ट ने उन आरोपों पर संज्ञान नहीं लिया, जिनमें अभी अनुमति नहीं ली गई थी। जिन मामलों में अनुमति नहीं ली गई थी, उनमें आर्म्स एक्ट, एपिडेमिक एक्ट और डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के कुछ आरोप शामिल हैं। इस मामले में 17 जून को दिल्ली पुलिस ने पूरक चार्जशीट दाखिल की थी। हिन्दुस्थान समाचार/संजय/सुनीत

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