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झारखंड कांग्रेस में बगावत, असंतुष्ट विधायकों ने बैठक कर कहा-सरकार में शामिल पार्टी के चारों मंत्री नकारा

रांची,, 7 अप्रैल (आईएएनएस)। झारखंड की सरकार में साझीदार कांग्रेस का आंतरिक संकट गहरा गया है। विधायकों के एक समूह ने सरकार में शामिल अपनी ही पार्टी के चार मंत्रियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। असंतुष्ट विधायकों ने गुरुवार को जेएससीए स्टेडियम में बैठक की और झारखंड सरकार में शामिल पार्टी के सभी मंत्रियों को नकारा करार दिया। उन्होंने झारखंड में कांग्रेस के हालात पर अपनी बातें रखने के लिए पार्टी के राष्ट्रीय नेता राहुल गांधी और महासचिव के. सी. वेणुगोपाल से मुलाकात का वक्त मांगा है। असंतुष्ट विधायकों की अगुवाई कर रहे जामताड़ा के विधायक डॉ इरफान अंसारी ने दावा किया है कि पार्टी के नौ विधायक एक साथ हैं। हालांकि गुरुवार को हुई बैठक में इरफान अंसारी सहित उमाशंकर यादव अकेला, नमन विक्सल कोंगाड़ी और राजेश कच्छप ही उपस्थित रहे। इन सभी ने एक स्वर में कहा कि कहना है कि हम विधायकों की कोई बात पार्टी विधायक दल की बैठक में नहीं सुनी जाती। राज्य सरकार में शामिल कांग्रेस कोटे के मंत्री विधायकों की बातें नहीं सुनते। अब पानी सिर के ऊपर गुजर रहा है और ऐसे हालात में बात शीर्ष नेतृत्व तक पहुंचाना जरूरी है। बता दें कि दो दिन पहले ही झारखंड कांग्रेस के प्रभारी अविनाश पांडेय ने दिल्ली में झारखंड कांग्रेस के सभी विधायकों और प्रमुख नेताओं के साथ बैठक की थी। इसमें विधायकों और नेताओं को संगठन मजबूत करने के निर्देश दिये गये थे। इस बैठक को अत्यंत महत्वपूर्ण बताया गया था, लेकिन दो दिन बाद ही विधायकों के बागी तेवर से यह बात सामने आ गयी है कि पार्टी की झारखंड इकाई में ऑल इज वेल की स्थिति नहीं है। इरफान अंसारी ने गुरुवार को बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा कि पार्टी में रिजेक्टेड नेताओं को सेलेक्ट किया जा रहा है। सरकार में कांग्रेस कोटे के मंत्री बनाने में एक वर्ग की सरासर उपेक्षा कर दी गयी। चार मंत्रियों में से किसी के काम से न तो जनता खुश है न पार्टी के कार्यकर्ता। अब मंत्रिमंडल में युवाओं को मौका मिलना चाहिए। पार्टी की ओर से झारखंड में महंगाई को लेकर जो आंदोलन किया जा रहा है वह जमीनी आंदोलन नहीं है। जनाधार वाले नेता को किनारे किया जा रहा है। बरही के विधायक उमाशंकर अकेला ने कहा कि इंतजार और सब्र की भी सीमा होती है। हमें लगता था कि पार्टी में हर विधायक की बात सुनी जायेगी, लेकिन यहां तो अपनी ही पार्टी के मंत्री आम विधायकों को तवज्जो नहीं देता। संगठन भी ठीक से काम नहीं कर रहा।विधायक राजेश कच्छप ने कहा कि हमलोग सरकार के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन जब जनता का काम नहीं होगा तो कैसे काम चलेगा। विधायक नमन विक्सल कोंगाड़ी ने कहा कि एक तो पहले पार्टी कोटे के मंत्री कोई काम नहीं करते और अब पार्टी के प्रभारी भी हमारी बात नहीं सुनते। यह सीधे पार्टी आलाकमान से बात का वक्त है। इधर, इस बाबत पूछे जाने पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि पार्टी में असंतोष की बात को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि हमारेयहां आंतरिक लोकतंत्र जिंदा है। वैसे विधायकों को मीडिया में जाने के बजाय पार्टी फोरम पर बात रखनी चाहिए। --आईएएनएस एसएनसी/एएनएम

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