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काव्य रूप में पढ़ें श्रीरामचरितमानस: भाग-52
दांतों से सुग्रीव ने, कीन्हा लहू-लुहान पहले काटी नाक फिर, उसके दोनों कान। उसके दोनों कान, हो गया चेहरा ऐसा रंग रूप-आकार भयानक पागल जैसा। कह ‘प्रशांत’ गुस्से में वानर पकड़े-खाये डर कर भागे वीर, राम के सम्मुख आये।।71।। - यह देखा जब राम ने, हुए स्वयं तैयार तरकश बाणों क्लिक »-www.prabhasakshi.com