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राज्यसभा ने पारित किया संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (संशोधन) विधेयक

नई दिल्ली, 6 अप्रैल (आईएएनएस)। राज्यसभा में बुधवार को त्रिपुरा राज्य से संबंधित संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (संशोधन) विधेयक, 2022 को पारित कर दिया गया। इस विधेयक के माध्यम से त्रिपुरा के डार्लोग समुदाय को कुकी जनजाति के समान अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल करने का प्रयास किया गया है। राज्यसभा ने इस विधेयक को चर्चा के बाद ध्वनिमत से पारित कर दिया। लोकसभा इसे पहले ही पारित कर चुकी है। चर्चा के दौरान जनजातीय मामलों की राज्य मंत्री रेणुका सिंह सरुता ने कहा कि उन्होंने सदस्यों द्वारा दिए गए सुझावों का स्वागत किया और आश्वासन दिया कि जनजातीय मंत्रालय लगातार काम कर रहा है और डार्लोग समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) में कुकी के समान शामिल किया जा रहा है। यह समुदाय को देश में एसटी को दिए गए लाभों का फायदा उठाने की अनुमति देगा। सरुता ने कहा कि आदिवासी समुदायों की संस्कृति और परंपरा एक बहुत ही संवेदनशील मुद्दा है और जनजातीय मंत्रालय इन समुदायों को आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए लगातार काम कर रहा है। कांग्रेस सांसद फूलो देवी नेताम के सवालों के जवाब में मंत्री ने कहा कि वह छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र की रहने वाली हैं और उन्होंने अनुसूचित जनजातियों की सूची में अधिक आदिवासी समुदायों को शामिल करने का अनुरोध किया है। जनजातीय लोगों के जीवन के उत्थान और आदिवासी बच्चों को बेहतर शिक्षा प्रदान करने के लिए सरकार द्वारा किए गए उपायों का उल्लेख करते हुए, सरकार ने क्षेत्र में एकलव्य स्कूलों की स्थापना की है। मंत्री ने सदन को बताया, 2013-14 में एकलव्य स्कूलों की संख्या 167 थी, जिसे 2021-22 में बढ़ाकर 689 कर दिया गया है। इन स्कूलों में सीबीएसई पाठ्यक्रम के तहत कक्षा 6 से 12 तक के 460 आदिवासी बच्चे पढ़ रहे हैं। --आईएएनएस एकेके/एएनएम

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