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तमिलनाडु में रजनीकांत और दूसरे अभिनेताओं का शहरी स्थानीय चुनावों में वोट नहीं देना चर्चा का मुद्दा

चेन्नई, 21 फरवरी (आईएएनएस)। तमिलनाडु में 19 फरवरी को हुए शहरी स्थानीय निकाय चुनावों में मशहूर अभिनेताओं रजनीकांत, अजित और कई अन्य तमिल हस्तियों का मतदान नहीं करना सोशल मीडिया पर बहस का एक प्रमुख मुद्दा बन गया है। प्रशंसक इन अभिनेताओं रजनीकांत, धनुष, अजित, त्रिशा, शिव कार्तिकेयन और सिम्बु की एक झलक पाने के लिए अपने-अपने बूथ पर इंतजार कर रहे थे। हालांकि वे वोट देने नहीं आए और इन सितारों के मैनेजरों ने मीडिया को बताया कि वे या तो अपनी पेशेवर प्रतिबद्धताओं या इलाज के लिए देश से बाहर थे या शूटिंग में बिजी थे। चेन्नई में राजनीति विज्ञान के सेवानिवृत्त प्रोफेसर और राजनीतिक विश्लेषक एम. चिदंबरसन ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा तमिल सुपरस्टार राजनीति में रुचि खो रहे हैं क्योंकि उन्होंने पाया है कि कमल हासन, सीमान जैसे सितारे मतदाताओं के बीच उत्साह पैदा करने में विफल रहे हैं। तमिलनाडु में विजय के अलावा कोई ऐसा अभिनेता नहीं है जो अब सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर प्रतिक्रिया दे रहा है। ऐसे में स्वाभाविक रूप से यह चुनावों में वोट नहीं देने की उनकी रुचि की कमी को दर्शाता है। तमिल सुपरस्टार विजय ने तड़के चेन्नई के नांगेरनी मतदान केंद्र पर जाकर मतदान किया। विजय का 2021 के विधानसभा चुनावों के दौरान अपने घर से मतदान केंद्र तक साइकिल चलाकर काफी चर्चा का विषय बना था और उन्होंने इसके जरिए लोगों को यह संदेश दिया था कि वह पेट्रोलियम पदार्थों में बढ़ोत्तरी के खिलाफ हैं। उन्होंने देश में ईंधन की कीमतों में वृद्धि के खिलाफ एक मजबूत राजनीतिक संदेश देने के लिए बूथ तक साइकिल चलाई थी। हालांकि, मेगास्टार रजनीकांत सहित तमिल हस्तियों का इन चुनावों में मतदान नहीं करना लोगों को अच्छा नहीं लगा है। चेन्नई के अशोक नगर में चाय की दुकान में काम करने वाले रत्नकुमार ने आईएएनएस से कहा जब राज्य चुनाव आयोग हम जैसे स्थानीय लोगों को वोट देने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है तो वे यह सुनिश्चित क्यों नहीं कर रहे हैं कि सेलिब्रिटी भी वोट दें?। यह कम से कम मेरे जैसे आम लोगों को एहसास दिलाएगा कि हम सभी लोकतांत्रिक व्यवस्था का हिस्सा हैं। लेकिन उनके रूख से अब ऐसा लगता है कि वे एक अलग वर्ग हैं और हम उनसे कमतर हैं। इसे लेकर लोगों की अलग-अलग राय है कि चूंकि रजनीकांत को लगता है कि वह राजनीति के केन्द्र में नहीं हैं और इसलिए उन्हें अपना वोट डालने की आवश्यकता नहीं है। लेकिन अजीत, सिम्बू और धनुष जैसे अन्य अभिनेताओं ने कभी भी अपनी सामाजिक प्रतिबद्धता को खुले तौर पर व्यक्त नहीं किया था। चेन्नई में एक प्रमुख बिल्डिंग ग्रुप के साथ काम करने वाले प्लंबर सुकुमारन ने आईएएनएस से कहा सितारों का अनुकरण लोगों की एक पीढ़ी द्वारा किया जाता है और तमिलनाडु एक ऐसा राज्य है जहां सितारों ने राजनीतिक शक्ति हासिल की है। इन सितारों को बाहर आकर वोट देना है और इससे ही काफी फर्क पड़ जाता है। लोकतंत्र में वोट का अधिकार अंतिम शक्ति है और किसी को भी उस अवसर को नहीं खोना चाहिए। राज्य चुनाव आयोग ने इन चुनावों में मतदान नहीं करने के लिए अभिनेताओं की आलोचना भी की है। लेकिन लोगों की राय है कि आयोग ने विधानसभा चुनावों की तुलना में स्थानीय निकाय चुनावों में लोगों को मतदान के लिए जागरूक करने के लिए कुछ भी नहीं किया है। उस समय केन्द्रीय निर्वाचन आयोग ने बड़े जागरूकता अभियान चलाए थे। गौरतलब है कि तमिलनाडु में ग्यारह वर्षों के अंतराल के बाद हुए शहरी स्थानीय निकाय चुनावों में अच्छा मतदान नहीं हुआ है। राज्य में मतदान प्रतिशत 61 प्रतिशत दर्ज किया गया और चेन्नई निगम में मतदान सबसे कम 43 प्रतिशत रहा। --आईएएनएस जेके

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