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रेल कर्मचारी 1 फरवरी को मनाएंगे ध्यानाकर्षण दिवस

नई दिल्ली, 31 जनवरी (हि.स.)। ज्वाइंट काउंसिल आफ एक्शन (जेसीए) और ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन (एआईआरएफ) के आह्वान पर रेल कर्मचारी 1 फरवरी को रेलवे शाखा स्तर पर ध्यानाकर्षण दिवस (काल अटेन्सन डे) मनाएंगे। जेसीए के संयोजक और एआईआरएफ के महामंत्री शिव गोपाल मिश्र ने रविवार को कहा कि श्रम संगठनों के प्रबल विरोध के बावजूद संसद द्वारा चार लेबर कोड पारित कराये जाने एवं अन्य मुख्य मांगों, जिनमें सातवें वेतन आयोग से सम्बन्धित विसगतियों, एमएसीपी से सम्बन्धित समस्याओं, नई राष्ट्रीय पेंशन नीति के स्थान पर पुरानी गारेन्टेड एवं पारिवारिक पेंशन योजना लागू न करने, केन्द्रीय तथा रेल कर्मचारियों को एक जनवरी 2020 से देय महंगाई भत्ता एवं महंगाई राहत पर रोक लगाये जाने, एफआर-56(1) का दुरुपयोग कर सरकारी कर्मचारियों को प्रताड़ित करने, एआईआरएफ के विरोध के बावजूद निजीकरण और निगमीकरण की नीति को जोर-शोर से लागू करने, बजट पूर्व परिचर्चा में कर्मचारी पक्ष द्वारा दिये गये सुझावों की अनदेखी करने इत्यादि के विरोध में "ज्वाइंट काउंसिल आफ एक्शन" (जेसीए) द्वारा लिये गए निर्णय के अनुपालन में एआईआरएफ के सभी संबद्ध यूनियनों द्वारा शाखा स्तर पर केन्द्रीय बजट प्रस्तुत किए जाने के अवसर पर 1 फरवरी 2021 को भोजनावकाश में धरना प्रदर्शन एवं रैली का आयोजन कर ध्यानाकर्षण दिवस मनाया जाएगा। गोपाल मिश्र ने बताया कि इन मांगों के समाधान में सरकार अभी तक कोई निर्णय नहीं कर पा रही है और न ध्यान दे रही है जिससे केन्द्रीय सरकारी और रेल कर्मचारियों में आकोश व्याप्त है। इन मांगों के अलावा केंद्र सरकार और रेल मंत्रालय लगातार श्रम विरोधी फैसले ले रहे हैं और इन सभी कर्मचारी विरोधी फैसलों से सरकारी कर्मचारी लगातार तनाव में कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय रेल के लिए यह सबसे मुश्किल समय है क्योंकि कोई भी सुरक्षित नहीं है। ऐसे में आंदोलन के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा है। ये सरकार सिर्फ औद्योगिक घरानों के एजेंडे को पूरा करने में पूरी ताकत लगाये हुए है और उन्हीं को फायदा पहुंचाने के मकसद से सारे कार्य किये जा रहे हैं इसलिए सभी लम्बित मांगों को सरकार को फिर से याद दिलाने के लिए संसद बजट के पहले दिन 1 फरवरी को सभी सरकारी और रेल कर्मचारी विरोध प्रदर्शन का आयोजन करते हुए अपनी मांगों को सरकार द्वारा न माने जाने के कारण उनको अपनी मांगों के प्रति ध्यान आकर्षित करेंगे और चेतावनी देंगे की तत्काल उनकी मांगों का समाधान किया जाय नहीं तो भीषण संघर्ष के लिए तैयार रहें। हिन्दुस्थान समाचार/सुशील-hindusthansamachar.in

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