punjab-industries-allowed-to-install-rice-straw-boilers
punjab-industries-allowed-to-install-rice-straw-boilers

पंजाब : उद्योगों को धान के पुआल से चलने वाले बॉयलर लगाने की अनुमति दी

चंडीगढ़, 26 अगस्त (आईएएनएस)। धान के मौसम के दौरान पराली जलाने पर रोक लगाने के लिए पंजाब सरकार ने गुरुवार को कुछ श्रेणियों के उद्योगों को वित्तीय प्रोत्साहन का दावा करने के लिए धान पराली से जलने वाले बॉयलर लगाने की अनुमति देने का फैसला किया। पंजाब में सालाना 2 लाख टन धान की पुआल पैदा होती है और अगली फसल के लिए खेतों को जल्दी साफ करने के लिए इसमें आग लगा दी जाती है। पुआल (पराली) के धुएं की वजह से अक्टूबर-नवंबर में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) का दम घुटने लगता है। जिन उद्योगों को यह लाभ मिल सकता है, उनमें चीनी मिलें, लुगदी और कागज मिलें, और 25 टीपीएच से अधिक भाप पैदा करने की क्षमता वाले बॉयलर की स्थापना वाले किसी भी उद्योग शामिल हैं। मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की अध्यक्षता में हुई वर्चुअल बैठक में कैबिनेट ने फैसला किया कि डिस्टिलरी या ब्रुअरीज की नई और मौजूदा इकाइयों में पुराने बॉयलरों को बदलने या नए बॉयलरों की स्थापना के साथ यह प्रस्ताव भी लाया गया है कि अनिवार्य रूप से धान के भूसे का इस्तेमाल ईंधन के रूप में करना होगा। मंत्रिमंडल ने पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर 50 मौजूदा उद्योगों को बॉयलर में ईंधन के रूप में धान के भूसे का उपयोग करने के लिए 25 करोड़ रुपये का संचयी वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान करने का भी निर्णय लिया। इसमें धान की भूसी के भंडारण के लिए पंचायत भूमि की उपलब्धता के संबंध में 33 वर्ष तक के लीज एग्रीमेंट के साथ छह प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से लीज में वृद्धि की दर से उद्योगों को गैर-राजकोषीय प्रोत्साहन देने को भी मंजूरी दी गई है। इसके अलावा, जिन क्षेत्रों में धान के पुआल का उपयोग बॉयलरों में ईंधन के रूप में किया जाता है, वहां प्राथमिकता के आधार पर बेलर उपलब्ध कराए जाएंगे। इस कदम से खरीफ फसलों की कटाई के दौरान पराली जलाने के खतरे से निपटने में मदद मिलेगी। इस तरह मिट्टी की उर्वरता को भी संरक्षित किया जा सकेगा और खेतों में मौजूद लाभकारी सूक्ष्म जीवों को बचाया जा सकेगा। फसल अवशेषों के प्रबंधन की चुनौती को देखते हुए यह निर्णय महत्वपूर्ण है। --आईएएनएस एसजीके/एएनएम

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in