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पीएम मोदी ने गरुड़ एयरोस्पेस की विनिर्माण सुविधाओं का उद्घाटन किया (लीड-1)

चेन्नई/नई दिल्ली, 19 फरवरी (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को गुरुग्राम के मानेसर और चेन्नई में गरुड़ एयरोस्पेस की ड्रोन निर्माण सुविधाओं का वर्चुअल तौर पर उद्घाटन किया। चेन्नई स्थित गरुड़ एयरोस्पेस एक ड्रोन-एज-ए-सर्विस (डीएएएस) कंपनी है। गरुड़ एयरोस्पेस के संस्थापक और सीईओ अग्निश्वर जयप्रकाश के अनुसार, मोदी ने दो स्थानों पर ड्रोन निर्माण सुविधाओं का वर्चुअल तौर पर उद्घाटन किया और एक बटन भी दबाया, जिसके परिणामस्वरूप 100 गांवों में एक साथ 100 किसान ड्रोन उतारे गए। जयप्रकाश ने कहा कि 100 ड्रोन ने आजादी के 75 साल पूरे होने का जश्न मनाने के लिए 16 अलग-अलग राज्यों में आजादी का अमृत महोत्सव के तहत कृषि छिड़काव अभियान शुरू किया। मोदी ने ट्वीट किया, देशभर में 100 स्थानों पर किसान ड्रोन को काम करते हुए देखकर खुशी हुई। गरुड़ इंडिया द्वारा यह एक जीवंत स्टार्ट-अप है, जो एक सराहनीय पहल है। नवीन तकनीक हमारे किसानों को सशक्त बनाएगी और कृषि को अधिक लाभदायक बनाएगी। मोदी ने कहा कि यह अवसर न केवल ड्रोन क्षेत्र के लिए मील का पत्थर साबित होगा, बल्कि कई संभावनाएं भी खोलेगा। मोदी ने कहा, मुझे बताया गया है कि गरुड़ एयरोस्पेस ने अगले दो वर्षो में 1 लाख मेड इन इंडिया ड्रोन की योजना बनाई है। इससे सैकड़ों युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे। इस वर्ष की बजट घोषणाओं में प्रौद्योगिकी और नवाचार को प्राथमिकता दी गई है और विभिन्न क्षेत्रों में किसान ड्रोन के उपयोग का उल्लेख किया गया है। मोदी ने कहा, 2021 में ड्रोन नियमों को उदार बनाने के बाद सरकार ड्रोन शक्ति पर प्रमुख नीतिगत फैसलों और विदेशी ड्रोन के आयात पर प्रतिबंध लगाकर आत्मनिर्भर भारत को लगातार प्रोत्साहित कर रही है। प्रधानमंत्री ने कहा, हमने युवा प्रतिभाओं में अपना विश्वास जताया है और नई उपयुक्त नीतियां लाई हैं। जयप्रकाश ने कहा कि गरुड़ ने गुरुग्राम में डेफसिस सॉल्यूशंस से ड्रोन बनाने के लिए लीज पर जगह ली है। उनके अनुसार, डेफसिस सॉल्यूशन की सुविधा उन्नत डिजाइन और प्रोटोटाइप परीक्षण क्षमताओं से लैस है। यह 2.5 एकड़ का संयंत्र ड्रोन सॉफ्टवेयर डिजाइन, हार्डवेयर स्ट्रक्चरल टेस्टिंग, टाइप सर्टिफिकेशन और प्रतिदिन 40 ड्रोन निर्माण क्षमता का केंद्र है। जयप्रकाश ने कहा कि गरुड़ का प्रस्तावित चेन्नई संयंत्र 20 एकड़ की सुविधा पर स्थित है, जहां प्रतिदिन 100 ड्रोन उत्पादन की क्षमता और अगले दो वर्षो में 100,000 किसान ड्रोन के निर्माण की योजना बनाई जा रही है। यह साइट प्रस्तावित आरपीटीओ (रिमोट पायलट ट्रेनिंग) सुविधा भी है, जिसका उद्देश्य इच्छुक ड्रोन पायलटों को प्रशिक्षित करना है। जयप्रकाश ने कहा, प्रधानमंत्री द्वारा शुरू की गईं हमारी ड्रोन सुविधाएं गरुड़ के भारत के पहले ड्रोन यूनिकॉर्न स्टार्टअप बनने के दृष्टिकोण को बढ़ावा देती हैं। यह स्टार्टअप छह लाख ड्रोन बनाएगा और 2025 तक प्रत्येक भारतीय गांव में एक ड्रोन को तैनात करेगा। --आईएएनएस एसजीके/एएनएम

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