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आपातकाल के काले दिनों को जनता कभी नहीं भूलेगी : शान्‍ता कुमार

पालमपुर, 24 जून (हि. स.)। हिमाचल के पूर्व मुख्यमंत्री शान्ता कुमार ने कहा कि आज से 46 वर्ष पहले आज के ही दिन 25 जून, 1975 की रात आजाद भारत के इतिहास की सबसे काली रात थी। इन्दिरा गांधी ने रात के 12 बजे आपातकाल की घोषणा कर दी। विश्व भर के किसी भी सभ्य लोकतंत्र में कभी ऐसा नहीं हुआ था। भारत की जनता को उस काली रात की दुर्भाग्यपूर्ण और निन्दनीय घटना को हमेशा याद रखना चाहिए। उन्होंने कहा उस समय देश पर न विदेशी आक्रमण हुआ था, न कोई भूचाल आया था और न ही देश के अन्दर किसी प्रकार की समस्या थी। जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में कांग्रेस के भ्रष्टाचार के विरुद्ध आन्दोलन चल रहा था। जयप्रकाश नारायण ने समग्र क्रान्ति का नारा दिया था। 12 जून को इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने एक चुनाव याचिका के निर्णय में उस समय की प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी का चुनाव भ्रष्ट तरीके से जीते जाने के कारण रद्द कर दिया और उन्हें छह साल तक चुनाव के लिए अयोग्य ठहरा दिया। शान्ता कुमार ने कहा केवल एक नेता की कुर्सी के लिए पूरे देश को जेलखाना बना दिया गया। एक लाख 10 हजार विपक्षी नेताओं को जेलों में डाल दिया। संविधान को स्थागित कर दिया और मूलरूप अधिकारों को भी समाप्त कर दिया। यहां तक की भगवान और संविधान द्वारा दिया गया जीने का अधिकार भी समाप्त कर दिया। उन्होंने कहा जब मैं विधायक था। 23 जून शिमला को चला। धर्मपत्नी सन्तोष ने पूछा था कब वापिस आओगे। मैंने उत्तर दिया था, कल बैठक है पारसों तक आ जाऊंगा। वह पारसों 19 मास तक नहीं आया। 28 दिसम्बर टाण्डा हस्पताल में शाम को सन्तोश के पास बैठा था। उसने कहा अब आप जाए कल आ जाना। 29 दिसम्बर प्रातःकाल चार बजे वह यह दुनिया छोड़ कर चली गई। 23 जून परसों तो 19 महीने बाद आ गया था परन्तु 28 दिसम्बर का कल आजतक नही आया। अब कभी भी नहीं आयेगा। शान्ता कुमार ने कहा मुझे 19 महीने नाहन जेल रहने का सौभाग्य मिला था। पूरे देश के उस समय के लोकतंत्र पहरियों को नमन करता हूंं। 90 लोग जेल की यातनाओं से मृत्यु को प्राप्त हुए थे। उन्हें श्रद्धांजलि देता हूं और नाहन जेल के साथियों को याद करके जिनके साथ रहकर एक आश्रम बना दिया था। इस दिन को पूरा भारत याद रखें और भविष्य में कभी भी इस प्रकार की घटना न घटे। हिन्दुस्थान समाचार/सुनील

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