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धैर्य व साहस से कोरोना संकट पर विजय प्राप्त करेगा भारतीय समाज : शंकराचार्य विजयेंद्र सरस्वती

- निराशा, हताशा से नहीं सकारात्मकता से मिलेगी कोरोना के खिलाफ युद्ध में विजय : सोनल मानसिंह नई दिल्ली,13 मई (हि.स.)। कोरोना महामारी के बीच स्वयं स्वस्थ रहने के साथ ही दूसरों को भी स्वस्थ रखने के ध्येय को लेकर आयोजित “पॉजिटिविटी अनलिमिटेड-हम जीतेंगे" व्याख्यानमाला के तीसरे दिन शंकराचार्य विजयेंद्र सरस्वती व प्रख्यात कलाकार सोनल मानसिंह ने भारतीय समाज को स्वयं पर विश्वास बनाए रखने का आह्वान करते हुए कहा कि सकारात्मक विचारों को अपने आस-पास ज्यादा से ज्यादा साझा करें। इससे कोरोना के खिलाफ युद्ध में विजय प्राप्त करने में निश्चित ही मदद मिलेगी। इस पांच दिवसीय व्याख्यानमाला का आयोजन 'कोविड रिस्पॉन्स टीम' द्वारा किया गया है, जिसमें समाज के प्रमुख व्यक्तित्व मार्गदर्शन कर रहे हैं। शंकराचार्य विजयेंद्र सरस्वती ने कहा, आज विश्व में महामारी की वजह से अति संकट की स्थति है। भारत में एक साल पहले भी ये कष्ट आया था। उस समय समाज की मेहनत, सहयोग और सहानुभूति से इस संकट का हल निकला था। उन्होंने कोरोना की दूसरी लहर का उल्लेख करते हुए कहा कि अब दोबारा अधिक तीव्र वेग के साथ यह संकट आया है। इस संकट से छुटकारा पाने के लिए हमें संकट मोचन हनुमान के कथन का स्मरण करना उपयोगी होगा। वाल्मीकि रामायण में हनुमान कहते हैं, “दुःख होता है, संकट होता है, फिर भी अपना जो मनोधैर्य है, मन में जो हिम्मत है वो छोड़ना नहीं, प्रयत्न करते रहना है।'' उन्होंने कोरोना संकट से निजात के लिए डॉक्टरी उपचार के साथ-साथ प्रार्थना, मंत्र, स्तुति और हनुमान चालीसा का पाठ करने और सदाचार नियम-पालन की सलाह दी। उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत विश्वास के साथ ही ऐसा सामूहिक वातावरण बनाने की भी आवश्यकता है। प्रख्यात कलाकार पद्मविभूषण सोनल मानसिंह ने अपने व्यक्तिगत अनुभवों को साझा करते हुए बताया कि हाल ही में उन्हें कोरोना हुआ था, पर सकारात्मक विचारों, धैर्य, आत्मबल व प्रार्थना द्वारा उन्होंने निराशा को दूर भगाते हुए इस पर विजय प्राप्त की। उन्होंने कहा, ''समाज में असीम आशा व सकारात्मकता का वातावरण बनाने की आवश्यकता है ताकि कोई भी हताश या निराश न हो। इसके लिए रचनात्मकता का सहारा लें तथा मन में कृतज्ञता का भाव रखें। हम सभी इस युद्ध को लड़ रहे हैं और इसमें निश्चित ही विजय प्राप्त करेंगे। पर इसके लिए हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि स्वयं को असहाय न मानें, क्रोध, निराशा, हताशा से स्वयं भी दूर रहें और सकारात्मक विचारों को साझा कर दूसरों को भी संबल दें व समाज में सामूहिक स्तर पर सकारात्मकता का वातावरण तैयार करें।'' कोविड रिस्पॉन्स टीम के संयोजक ले. जन.(सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह ने बताया कि 14 मई को इस श्रृंखला में श्री पंचायती अखाड़ा - निर्मल के पीठाधीश्वर महंत संत ज्ञान देव सिंह एवं पूज्य दीदी मां साध्वी ऋतंभरा, वात्सल्य धाम, वृंदावन अपना उद्बोधन देंगे। हिन्दुस्थान समाचार/सुशीर

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