oxygen-expresses-carried-maximum-1195-tonnes-of-oxygen-in-a-single-day-ministry-of-railways
oxygen-expresses-carried-maximum-1195-tonnes-of-oxygen-in-a-single-day-ministry-of-railways

ऑक्सीजन एक्सप्रेसों ने एक दिन में सर्वाधिक 1,195 टन ऑक्सीजन की ढुलाई की : रेल मंत्रालय

- 15 राज्यों में दिल्ली को अब तक सबसे अधिक 5 हजार टन सहायता पहुंचाई नई दिल्ली, 27 मई (हि.स.)। भारतीय रेलवे ने गुरुवार को कहा कि ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेनों ने 26 मई को एक दिन में पूरे देश में सबसे अधिक 1,195 मीट्रिक टन तरल मेडिकल ऑक्सीजन (एलएमओ) सहायता पहुंचाई जो तीन दिन पहले के रिकॉर्ड आंकड़े से 53 टन अधिक है। उल्लेखनीय है कि 23 मई को रेलवे ने 1,142 टन ऑक्सीजन की रिकॉर्ड ढुलाई की थी। भारतीय रेलवे ने कोरोना की दूसरी लहर के बीच एक माह पहले ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेनों का परिचालन शुरु किया था। रेलवे 24 अप्रैल से अब तक 15 राज्यों को 1,141 से अधिक टैंकरों में 18,980 मीट्रिक टन से अधिक तरल चिकित्सा ऑक्सीजन पहुंचाई है। दिल्ली में अब तक 5 हजार टन से ज्यादा ऑक्सीजन पहुंचाई जा चुकी है। रेलवे के अनुसार, लगभग 284 ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेनों ने अपनी यात्राएं पूरी कर ली हैं और विभिन्न राज्यों को राहत पहुंचाई है। वहीं चार ट्रेनें 20 टैंकरों में 392 टन से अधिक तरल चिकित्सा ऑक्सीजन के साथ चल रही हैं। दक्षिणी राज्यों में आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक और तेलंगाना में ऑक्सीजन एक्सप्रेस द्वारा तरल मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति का आंकड़ा 1000 मीट्रिक टन से ऊपर पहुंच गया है। उल्लेखनीय है कि ऑक्सीजन एक्सप्रेस की शुरुआत 33 दिन पहले 24 अप्रैल को हुई थी और पहली ऑक्सीजन एक्सप्रेस 126 मीट्रिक टन ऑक्सीजन के साथ महाराष्ट्र पहुंची थी। रेल मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के अनुसार, महाराष्ट्र में 614 मीट्रिक टन ऑक्सीजन, उत्तर प्रदेश में लगभग 3731 मीट्रिक टन, मध्य प्रदेश में 656 मीट्रिक टन, दिल्ली में 5077 मीट्रिक टन, हरियाणा में 1967 मीट्रिक टन, राजस्थान में 98 मीट्रिक टन, कर्नाटक में 1653 मीट्रिक टन, उत्तराखंड में 320 मीट्रिक टन, तमिलनाडु में 1550 मीट्रिक टन, आंध्र प्रदेश में 1190 मीट्रिक टन, पंजाब में 225 मीट्रिक टन, केरल में 380 मीट्रिक टन, तेलंगाना में 1312 मीट्रिक टन, झारखंड में 38 मीट्रिक टन और असम में 160 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति हुई। हिन्दुस्थान समाचार/सुशील

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in