other-states-also-run-centre39s-schemes-under-different-names-trinamool
other-states-also-run-centre39s-schemes-under-different-names-trinamool

अन्य राज्य भी अलग-अलग नामों से चलाते हैं केंद्र की योजनाएं: तृणमूल

कोलकाता, 17 मई (आईएएनएस)। तृणमूल कांग्रेस ने भाजपा के उस बयान का पलटवार किया है, जिसमें भाजपा ने दावा किया है कि पीएम आवास योजना के तहत पश्चिम बंगाल का बकाया जारी नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि राज्य सरकार इस योजना को एक अलग नाम से चला रही है। 12 मई को, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखकर केंद्र सरकार से महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) और पीएम आवास योजना के लिए राज्य के बकाया को तुरंत जारी करने के लिए कहा था। इसके तुरंत बाद, पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता, शुभेंदु अधिकारी ने भी प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर दावा किया कि पश्चिम बंगाल में पीएम आवास योजना के तहत 32 लाख घरों का निर्माण किया गया था, जिसे राज्य सरकार एक अलग नाम- बांग्ला आवास योजना से योजना चला रही है। उन्होंने अनुरोध किया कि इस आवास योजना के तहत केंद्रीय धनराशि तब तक जारी नहीं की जानी चाहिए, जब तक कि राज्य सरकार पीएम आवास योजना के नाम से योजना नहीं चलाती है। हालांकि, अधिकारी के दावे फीके साबित हो सकते हैं, क्योंकि तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व ने फोटोग्राफिक दस्तावेजों के साथ उदाहरणों को उजागर करने का फैसला किया है, जहां उत्तर प्रदेश और दिल्ली जैसे राज्य भी अलग-अलग नामों से योजना चला रहे हैं, लेकिन बकाया राशि से वंचित नहीं हैं। पश्चिम बंगाल की वित्त मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने कहा, उत्तर प्रदेश के अलावा कई भाजपा शासित राज्य अलग-अलग नामों से पीएम आवास योजना चला रहे हैं और इसलिए, यह पश्चिम बंगाल सरकार के बकाया को वापस लेने का बहाना नहीं हो सकता है। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में, यह योजना यूपी मुख्यमंत्री आवास योजना के नाम से चलाई जा रही है और फिर भी उन्हें उनका बकाया मिल रहा है, जबकि दिल्ली में इसे नई दिल्ली आवास योजना कहा जाता है। उन्होंने कहा, हालांकि, भाजपा नेताओं ने इस मुद्दे पर कोई सवाल नहीं उठाया है। भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने आईएएनएस से कहा कि यह अकेले पीएम आवास योजना का सवाल नहीं है। घोष ने कहा कि पश्चिम बंगाल हर केंद्रीय योजना को अलग-अलग नामों से चला रहा है। यह राज्य के विकास में केंद्र सरकार के योगदान को कम करने का एक जानबूझकर प्रयास है, जो कोई अन्य राज्य सरकार नहीं कर रही है और यह सिर्फ नाम परिवर्तन नहीं है, जिसे पीपीपी के नेता ने प्रधानमंत्री को अपने पत्र में उजागर किया है, उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला है कि विभिन्न स्तरों पर तृणमूल कांग्रेस के नेता अपनी जेब भरने के लिए केंद्रीय धन का दुरुपयोग कर रहे हैं। --आईएएनएस एचके/एएनएम

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in