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IIMC में 'राजभाषा सम्मेलन' का आयोजन, नागेश्वर राव बोले- हिंदी को बनाएं जन-जन की भाषा
नई दिल्ली। हमें हिंदी को जन-जन की भाषा बनाने में सक्रिय योगदान देना होगा। इसके लिए जरूरी है कि साहित्यिक हिंदी की बजाए, ऐसी हिंदी का उपयोग किया जाए, जिसमें अन्य भाषाओं के शब्द भी समाहित हों। इससे हिंदी का विस्तार भी होगा और वह समृद्ध भी होगी और वह क्लिक »-www.prabhasakshi.com