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कोरोना में पालकों को खोने वाले एक हजार बच्चों को मिली सरकारी मदद

भोपाल, 11 अगस्त (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश में कोरोना काल में अनेक परिवारों में आजीविका उपार्जन करने वाले माता-पिता की आकस्मिक मृत्यु हुई है। ऐसे प्रभावित परिवारों के बच्चों के लिए राज्य सरकार अभिभावक की भूमिका निभा रही है। ऐसे बच्चों के लिए शुरू की गई कोविड-19 बाल सेवा योजना से अब तक 1001 बच्चे लाभान्वित हुए हैं। राज्य में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पालकों को खोने वाले बच्चों की सहायता के लिए 21 मई को मुख्यमंत्री कोविड-19 बाल सेवा योजना शुरू की। योजना में अभी तक 1001 बाल हितग्राहियों को आर्थिक एवं खाद्य सुरक्षा प्रदान की गई है। प्रदेश के 34 जिलों में शत-प्रतिशत प्रकरणों का निराकरण किया जा चुका है। इन बाल हितग्राहियों की शिक्षा की जिम्मेदारी भी राज्य सरकार उठायेगी। मुख्यमंत्री कोविड-19 बाल सेवा योजना के तहत प्रत्येक बाल हितग्राही को पांच हजार रुपए प्रतिमाह की सहायता राशि प्रदान की जाती है। यदि हितग्राही की आयु 18 वर्ष से कम है तो चिन्हांकित संरक्षक एवं बच्चे के संयुक्त खाते में तथा 18 वर्ष की आयु पूर्ण करने के बाद हितग्राही के व्यक्तिगत खाते में जमा की जायेगी। इसके अलावा प्रत्येक बाल हितग्राही तथा उनके संरक्षक को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम में नि:शुल्क मासिक राशन प्रदाय किया जाता है। शिक्षा सहायता अन्तर्गत बाल हितग्राहियों को स्कूली शिक्षा, उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, चिकित्सा शिक्षा एवं विधि शिक्षा के लिए शासकीय विद्यालयों, महाविद्यालयों, विश्वविद्यालयों में नि:शुल्क शिक्षा प्रदान की जाएगी। ज्ञात हो कि कोरोना कोविड-19 से मृत्यु का अभिप्राय ऐसी किसी भी मृत्यु से है, जो एक मार्च, 2021 से 30 जून, 2021 तक की अवधि में हुई। 18 वर्ष से कम आयु के बाल हितग्राही के मामले में संरक्षक का चिन्हांकन योजना के अंतर्गत कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा किया गया। राज्य में केारेाना की दूसरी लहर ने जमकर तबाही मचाई थी, इसमें बड़ी संख्या में लोगों की मौत हुई थी। बच्चे अनाथ हुए थे, इन बच्चों के लिए राज्य में मुख्यमंत्री कोविड-19 बाल सेवा योजना शुरू की गई ताकि कोरेाना के कारण अनाथ हुए इन बच्चों का जीवन सुखद व सुखमय हो सके। --आईएएनएस एसएनपी/एएनएम

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