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ओम बिरला ने सपरिवार विश्व शांति महायज्ञ में हिस्सा लिया

ऋषिकेश, 13 मार्च (हि.स.)। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सपरिवार शनिवार को परमार्थ निकेतन के 32 वें अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव के समापन पर परमार्थ गंगा तट पर आयोजित विश्व शांति महायज्ञ में हिस्सा लिया। उन्होंने ने परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती से मुलाकात की। इस अवसर पर लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने कहा कि कोरोना के कारण वैश्विक बदलाव हुए हैं। परमार्थ निकेतन ने ऑनलाइन प्लेटफार्म के माध्यम से लोगों को योग से जोड़कर अच्छा काम किया है। इस तनाव के दौर में यह जरूरी भी है।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने योग को अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की सूची में शामिल कराया है। स्वामी चिदानंद योग को हर व्यक्ति तक पहुंचा रहे हैं। भारत में योग दर्शन के साथ जीवन पद्धति भी है। योग और ध्यान शरीर को स्वस्थ रखते हुए आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग प्रशस्त करता है। दोपहर बाद लोकसभा अध्यक्ष ने परिवार के साथ वेदमंत्रों के पाठ के साथ गंगा स्नान कर सांध्यकाली परमार्थ गंगा आरती में सहभाग किया। विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने भी गंगा आरती में सहभाग किया। स्वामी चिदानंद ने रुद्राक्ष का पौधा भेंटकर सभी का अभिनन्दन किया। योग महोत्सव के आखिरी दिवस के सत्र की शुरुआत आध्यात्मिक गुरु मूजी के वर्चुअल उद्बोधन से हुई। उन्होंने ‘मौन के महत्व’ चर्चा की। इसके बाद योगाचार्यों ने योग, ध्यान, प्राणायाम और आसनों का अभ्यास कराया। समापन अवसर पर स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि योग भारतीय दर्शन का प्रमुख अंग है। इससे शुद्ध चेतना, शुद्ध विचार व शुद्ध गुण जागृत होते हैं। योग केवल शरीर का नहीं बल्कि आत्मा का विज्ञान है। योग महोत्सव की निदेशक डा. साध्वी भगवती ने कहा कि योग महोत्सव की इस यात्रा में वर्ष 2021 का महोत्सव नये स्वरूप के साथ ऐतिहासिक रहा। इस वर्ष वर्चुअल माध्यम से परमार्थ निकेतन ने योग को हर घर और हर घट तक पहुंचाया। हिन्दुस्थान समाचार /विक्रम सिंह/मुकुंद

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