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एशियाड सर्कस के मालिक के खिलाफ गैर जमानती वारंट

- नौ साल के दरियाई घोड़े को एशियाड सर्कस से लेकर दिल्ली के चिड़ियाघर में भेजने का निर्देश नई दिल्ली, 22 जनवरी (हि.स.)। दिल्ली हाईकोर्ट ने सोसाइटी फॉर प्रिवेंशन ऑफ क्रुएल्टी टू एनिमल को एशियाड सर्कस प्रबंधन द्वारा अवैध रूप से अपने पास रखे गए नौ साल के दरियाई घोड़े को अपने कब्जे में लेने और उसे दिल्ली के चिड़ियाघर में भेजने का निर्देश दिया है। जस्टिस प्रतिभा सिंह की बेंच ने एशियाड सर्कस के मालिक के खिलाफ गैर जमानती वारंट भी जारी किया है। मामले की अगली सुनवाई 15 अप्रैल को होगी। हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया कि वो दरियाई घोड़े को कब्जे में लेने की कार्रवाई के लिए पर्याप्त सुरक्षा उपलब्ध कराए। कोर्ट से साफ कहा है कि इस आदेश की कॉपी संबंधित आयुक्त और स्थानीय पुलिस के लिए नोटिस की तरह काम करेगा। कोर्ट ने स्थानीय पुलिस और संबंधित आयुक्त को सोसायटी फॉर प्रिवेंशन ऑफ क्रूएल्टी टू एनिमल के अधिकारियों को पूरा सहयोग करने का निर्देश दिया। सोसायटी दिल्ली सरकार के अधीन काम करती है और वो जानवरों पर अत्याचार से सुरक्षा दिलाने का काम करती है। याचिका पीपल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (पेटा) ने दायर की थी। याचिका में मांग की गई थी कि एशियाड सर्कस के पास नौ साल के दरियाई घोड़े को छुड़ाया जाए। एशियाड सर्कस रियाजुद्दीन नामक शख्स चलाता है। याचिकाकर्ता की ओर से वकील अमन हिंगोरानी ने कहा कि एशियाड सर्कस का लाईसेंस रद्द कर दिया गया है उसके बावजूद वह दरियाई घोड़े समेत सभी जानवरों को अपने यहां गैरकानूनी तरीके से रखे हुए है। हिंगोरानी ने कहा कि एशियाड सर्कस ने अपना कोई जवाबी हलफनामा दायर नहीं किया और न ही ये बताया कि दरियाई घोड़ा कहां रखा गया है। लेकिन वो इस आधार पर कोर्ट में पेशी होने से छूट मांग रहे हैं कि जानवरों का इस्तेमाल शैक्षणिक जरूरतों के लिए किया जा रहा है। कोर्ट ने पहले के आदेश में 24 फरवरी 2020 को सर्कस के मालिक को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया था। उसके बावजूद वो पेश नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि दरियाई घोड़े को छुड़ाने का तत्काल आदेश दिया जाना चाहिए। हिन्दुस्थान समाचार/ संजय/सुनीत-hindusthansamachar.in

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