nitish-inaugurated-188-buildings-said---special-attention-is-needed-on-maintenance
nitish-inaugurated-188-buildings-said---special-attention-is-needed-on-maintenance

नीतीश ने 188 भवनों का किया उद्घाटन, कहा- रखरखाव पर विशेष ध्यान जरूरी

पटना, 5 मई (आईएएनएस)। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को 16 विभागों की 120239.93 लाख रुपये की लागत से निर्मित 188 भवनों का उद्घाटन तथा 16 विभागों की 69715.95 लाख रुपये की अनुमानित राशि के 56 भवनों का शिलान्यास किया। इस दौरान उन्होंने मिथिला चित्रकला संस्थान और मिथिला ललित संग्रहालय के भवन का भी उद्घाटन किया। वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने प्रसन्नता जताते हुए कहा कि आज मिथिला चित्रकला संस्थान और मिथिला ललित संग्रहालय के भवन का उद्घाटन हुआ है। उन्होंने कहा कि इसके निर्माण हो जाने से इस संस्थान द्वारा चित्रकला में सर्टिफिकेट दिया जायेगा, डिग्री कोर्स भी शुरू होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह संस्थान मधुबनी पेंटिंग को व्यवसायिक उपलब्धि दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। यहां महत्वपूर्ण चीजें रखी जाएंगी जिसे लोग देखेंगे, जानेंगे और कई चीजें सीखेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2017 में चंपारण सत्याग्रह के 100 वर्ष पूरा होने पर हमलोगों ने निर्णय लिया था कि मोतिहारी और बेतिया में 2 हजार लोगों के बैठने की क्षमता के प्रेक्षागृह बनायेंगे, अब वह बनकर तैयार हो गया है और आज उसका उद्घाटन हुआ है। उन्होंने कहा कि वाल्मीकिनगर में ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए काम शुरू किया गया है। वाल्मीकि टाइगर रिजर्व क्षेत्र में जंगल, पहाड़ और नदियां तीनों एक साथ हैं जो काफी आकर्षक हैं। देश भर में कहीं भी ऐसी दूसरी जगह नहीं है। उन्होंने कहा कि वाल्मीकि सभागार का शिलान्यास किया गया है। उन्होंने कहा कि जो भी सड़क, पुल, पुलिया, भवन का निर्माण किया जा रहा है उसके रखरखाव पर विशेष ध्यान दें। इस कार्य के लिये और अभियंताओं तथा कर्मियों की जरूरत के अनुसार और भर्ती होने से रोजगार में भी वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि अब सरकारी भवनों के निर्माण में फ्लाई ऐश से बनी ईंट का प्रयोग हो रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आईटीआई, पॉलिटेकनिक संस्थान, छात्र छात्राओं के लिए आवासीय विद्यालय सहित कई अन्य भवनों का उद्घाटन और शिलान्यास हुआ है। मुख्यमंत्री ने अभियंताओं को खास तौर पर कहा कि जल-जीवन- हरियाली अभियान से संबंधित जो काम किए जा रहे हैं उसके कार्यान्वयन पर भी विशेष ध्यान दें। रेन वाटर हार्वेस्टिंग और सौर ऊर्जा का काम सरकारी भवनों में ठीक ढंग से करायें। जितने भी सरकारी भवन हैं उन पर रेन वाटर हार्वेस्टिंग काम होने से वर्षा जल को संरक्षित किया जा सकेगा उससे भूजल स्तर भी मेंटेन रहेगा। सौर ऊर्जा का बहुत लाभ मिलनेवाला है। सरकारी भवनों पर सौर प्लेट लगाए जा रहे हैं। उस ऊर्जा का उपयोग सरकारी भवनों में किया जा सकेगा। --आईएएनएस एमएनपी/एचके

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in