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काबुल गुरुद्वारा विस्फोट की जांच को एनआईए टीम का दौरा अनिश्चित काल के लिए टला

नई दिल्ली, 16 अगस्त (आईएएनएस)। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा काबुल के एक गुरुद्वारे में हुए विस्फोट के संबंध में मामला दर्ज किए जाने के लगभग एक साल बाद, जिसमें एक भारतीय सिख समेत 27 लोग मारे गए थे, आतंकवाद-रोधी जांच की एक टीम एजेंसी को अभी देश का दौरा करना था, और अब तालिबान के कब्जे के बाद इसे अनिश्चित काल के लिए टाल दिया गया है। एनआईए ने 25 मार्च, 2020 के आतंकी हमले के सिलसिले में अप्रैल 2020 में मामला दर्ज किया था। एनआईए द्वारा संशोधित एनआईए अधिनियम के अनुसार भारत के बाहर किए गए आतंकवादी हमले के लिए मामला दर्ज करने का यह पहला उदाहरण था। इसने केंद्रीय एजेंसी को भारतीय नागरिकों को प्रभावित करने या भारत के हित को प्रभावित करने के लिए भारत के बाहर किए गए आतंकवादी हमलों की जांच करने का अधिकार दिया। भारतीय दंड संहिता और आतंकवाद विरोधी कानूनों के विभिन्न प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया था। जिस वक्त हमला हुआ, उस वक्त गुरुद्वारे में करीब 150 लोग मौजूद थे और भारतीय नागरिक तियान सिंह भी मारा गया था। एनआईए के एक अधिकारी ने कहा, एनआईए की एक टीम को जांच के लिए काबुल का दौरा करना था। अफगानिस्तान में मौजूदा स्थिति को देखते हुए, जहां तालिबान ने सत्ता पर कब्जा कर लिया है, एनआईए की यात्रा अनिश्चित काल के लिए विलंबित हो जाएगी। एनआईए के अनुसार, केरल के कासरगोड जिले के 29 वर्षीय मोहम्मद मुहसिन पर हमलावरों में से एक होने का संदेह था। खुरासान प्रांत में इस्लामिक स्टेट (आईएस) ने हमले की जिम्मेदारी ली थी। एनआईए अधिकारियों के अनुसार, मुहसिन 2018 में यूएई गया था, जहां से माना जाता है कि वह अफगानिस्तान में वैश्विक आतंकी संगठन के साथ रैंक में शामिल हो गया था। अधिकारी ने कहा कि आतंकवाद विरोधी जांच एजेंसी ने डीएनए नमूने एकत्र किए हैं और लगभग एक दर्जन से बात की है। पीड़ित सिख को पिछले साल जुलाई में भारत वापस लाया गया था। --आईएएनएस एसजीके/एएनएम

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