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युवा पीढ़ी की आकांक्षाओं को पूरी करने में सहायक सिद्ध होगी नयी शिक्षा नीति- राष्ट्रपति

लखनऊ, 26 अगस्त (आईएएनएस)। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि युवा पीढ़ी की आकांक्षाओं को पूरी करने में नयी शिक्षा नीति सहायक सिद्ध होगी। राष्ट्रपति रामनाथ कोविद यहां पर बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा किविश्वविद्यालय के प्रयास रोजगार और श्रेष्ठ शिक्षा प्रदान करने में महत्वपूर्ण योगदान साबित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति युवा पीढ़ी की आवश्यकताओं और आकांक्षाओं को पूर्ण करने में सहायक सिद्ध होगी। यह तभी होगा जब सभी शिक्षक और छात्र निष्ठा से कार्य करेंगे। उन्होंने कहा कि सावित्रीबाई फुले महिला छात्रावास का शिलान्यास करके वे गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। उन्होंने 125 वर्ष पहले बेटियों की शिक्षा के लिए क्रांतिकारी कदम उठाए। आज बेटियां पूरे विश्व में समाज का गौरव बढ़ा रही हैं। ओलंपिक में बेटियों ने उत्कृष्ट प्रदर्शन कर गौरव बढ़ाया जब भी अवसर मिला बेटियां आगे बढ़ी। आज दीक्षांत समारोह में भी बेटियों ने सबसे ज्यादा पदक लिए। कहा कि उत्तर प्रदेश की अपनी यात्रा के दौरान यहां शिक्षा के क्षेत्र में किए जा रहे विशेष प्रयासों के बारे में और अधिक जानने का मौका मिला। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप यूपी में शिक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए जो कदम उठाए जा रहे है। वह बहुत ही सराहनीय है। उन्होंने कहा कि अपनी यूपी यात्रा के दौरान मुझे यूपी में शिक्षा के क्षेत्र में उठाए जा रहे प्रयासों को करीब से जानने का मौका मिला। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप यहां बेहतर काम किया जा रहा है। सामाजिक न्याय और व्यक्तिगत उन्नति के लिए शिक्षा ही सबसे प्रभावी माध्यम है। शिक्षा के क्षेत्र में योगी सरकार ने अलख जगाई है। उसकी जितनी भी सराहाना की जाए वह कम है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा आज सावित्रीबाई फुले महिला छात्रावास का शिलान्यास करके मैं गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं। उन्होंने कहा सावित्रीबाई फुले ने 175 वर्ष पहले बेटियों की शिक्षा के लिए जो क्रांतिकारी कदम उठाए। वह आज भी प्रासांगिक है। खासकर तत्कालीन समाज में महिलाओं की स्थिति के विषय में अध्ययन करने पर पता चलता है कि आज हमारी बेटियां समाज और देश का गौरव पूरे विश्व में बढ़ा रही हैं। उन्होंने कहा समान अवसर मिलने पर हमारी बेटियां बेटों से भी आगे निकल जाती हैं। दीक्षांत समारोह में पदक पाने वाले होनहारों में बेटियों की संख्या बेटो से अधिक है। विजेताओं में भी बेटियों की संख्या अधिक है इस परिवर्तन को एक स्वस्थ समाज और उन्नत राज्य राष्ट्र की दिशा में बढ़ते कदम के रूप में देखा जाना चाहिए। यही बाबा साहब का मूल सपना था जो सच होता दिखाई दे रहा है। कोविद ने कहा कि बाबासाहेब ने उद्यमशीलता, आत्म-निर्भरता और स्वयं के उत्थान के साथ-साथ समाज के कल्याण की भावना के साथ कार्य करने की प्रेरणा दी है। कहा कि यह विश्वविद्यालय वंचित वर्ग के विद्यार्थियों के समावेशी विकास के लिए महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। यहां पर अनुसूचित जाति- व जनजाति के विद्यार्थियों के लिए 50 प्रतिशत सीटें आरक्षित हैं, जिससे विद्यार्थियों के उच्च शिक्षा के अवसर बढ़े हैं। इस वर्ग के विद्यार्थियों के उत्कृष्ट प्रदर्शन पर अलग से पदक प्रदान करके प्रोत्साहित करना भी सराहनीय कदम है। उन्होंने विश्वविद्यालय को डॉक्टर भीमराव अंबेडकर सांस्कृतिक केंद्र के साथ तालमेल स्थापित कर बाबासाहेब के विचारों को प्रसारित करने का सुझाव दिया। राष्ट्रपति ने कहा कि विद्यार्थियों को उद्यमिता की तरफ बढ़ते हुए जॉब सीकर ना बनकर जॉब क्रिएटर बनने की सलाह दी । इस दिशा में उन्होंने यहां के इनक्यूबेशन सेंटर की स्थापना की भी प्रशंसा की। राष्ट्रपति ने विवि के सावित्रीबाई फूले महिला छात्रावास का शिलान्यास किया। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रदान की गई वित्तीय सहायता से निर्मित इस महिला छात्रावास में लगभग 204 छात्राओं के ठहरने की क्षमता है। इस छात्रावास में कुल 68 रूम हैं। राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द गुरुवार से उत्तर प्रदेश के चार दिन के दौरे पर रहेंगे। उनका लखनऊ के साथ गोरखपुर व अयोध्या का दौरा होगा। दो महीने में देश के राष्ट्रपति उत्तर प्रदेश के दूसरे दौरे पर हैं। इससे पहले उनका जून में पांच दिन का कानपुर, कानपुर देहात तथा लखनऊ का दौरा था। उत्तर प्रदेश के चार दिन के दौरे में राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द के तीन शहरों में कार्यक्रम हैं। लखनऊ के साथ ही उनका गोरखपुर तथा अयोध्या में भी कार्यक्रम है। इस दौरान लखनऊ में वह दो दिन कार्यक्रम में रहेंगे। उनका रात्रि प्रवास लखनऊ में ही रहेगा। --आईएएनएस विकेटी/एएनएम

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