बिहार में बनने वाले विराट रामायण मंदिर के लिए मुस्लिम परिवार ने दान कर दी कीमती जमीन

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पटना, 22 मार्च (आईएएनएस)। एक ओर जहां हाल के दिनों में कई क्षेत्रों में सांप्रदायिक तनाव की खबर मिलती है, वहीं बिहार में एक मुस्लिम परिवार ने सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल कायम करते हुए राज्य के पूर्वी चंपारण जिले के कैथवालिया इलाके में दुनिया के सबसे बड़े हिंदू मंदिर रामायण मंदिर के निर्माण के लिए 71 डिसमील कीमती जमीन दान में दे दी। बताया जाता है कि यह मंदिर विश्व का सबसे उंचा मंदिर होगा। पटना स्थित महावीर मंदिर ट्रस्ट के प्रमुख आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि कैथवलिया के रहने वाले इश्तियाक अहमद खान ने मंदिर के लिए 23 कट्ठा (करीब 71 डिसमिल) दान दी है। बताया जाता है कि खान के पास गांव में काफी जमीन है और फिलहाल वे गुवहाटी में व्यवसाय करते हैं। दान की गई गई जमीन की कीमत 2.50 करोड़ रुपये बताया जाता है। कुणाल ने बताया कि खान ने निबंधन कार्यालय में जमीन का दानपत्र विराट रामायण मंदिर को निबंधित करा दिया है। भारतीय पुलिस सेवा के पूर्व अधिकारी कुणाल ने बताया कि खान और उनके परिवार का यह दान दो समुदायों के बीच सामाजिक समरसता और भाईचारे का एक बेहतरीन उदाहरण है। उल्लेखनीय है कि खान का परिवार पहले भी मंदिर के लिए जरूरी जमीन की व्यवस्था में सहयोग दिया है। महावीर मंदिर न्यास के सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने पत्रकारों से कहा कि बची हुई जमीन का भी जल्दी ही इंतजाम हो जाएगा। बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के कैथवलिया में विश्व के सबसे ऊंचे (270 फीट) विराट रामायण मंदिर का निर्माण कार्य अप्रैल 2022 में शुरू हो जाएगा। बताया जाता है कि 125 एकड़ जमीन पर प्रस्तावित इस मंदिर के लिए अब तक एक सौ एकड़ जमीन मंदिर को मिल चुकी है। कहा जहा रहा है कि विराट रामायण मंदिर कंबोडिया में विश्व प्रसिद्ध 12 वीं शताब्दी के अंकोरवाट परिसर से भी ऊंचा है, जो 215 फीट ऊंचा है। इस मंदिर परिसर में ऊंचे शिखरों वाले 18 मंदिर होंगे और इसके शिव मंदिर में दुनिया का सबसे बड़ा शिवलिंग होगा। कुणाल ने बताया कि शिवलिंग 33 फुट ऊंचा और 33 फुट चौड़ा होगा। ब्लैक ग्रेनाइट पत्थरों से इसका निर्माण महाबलीपुरम में कराया जा रहा है। उन्होंने इसे स्पष्ट करते हुए कहा कि इस शिवलिंग का निर्माण सहस्त्रलिंगम की तरह होगा, यानी एक शिवलिंग में एक हजार आठ शिवलिंग बैठाया गया होगा। आठवीं सदी में इस तरह के शिवलिंग का निर्माण होता था। इसके अलावा यहां चार मुनियों के नाम पर चार आश्रम का भी निर्माण होगा। शिखर के निर्माण के लिए दक्षिण भारत से विशेषज्ञ बुलाए जाएंगे। महावीर मंदिर न्यास के सचिव दावा करते हुए कहते हैं कि यह मंदिर सुंदर वास्तुशिल्प का उदाहरण बनेगा। उन्होंने बताया कि विराट रामायण मंदिर परिसर के तीन तरफ से सड़क है। अयोध्या से जनकपुर तक बन रहे राम-जानकी मार्ग मंदिर के पास से होकर गुजरेगा। इसी मार्ग पर केसरिया बौद्ध स्तूप भी मौजूद है। --आईएएनएस एमएनपी/एएनएम

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