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अतीत, वर्तमान और भविष्य की समृद्धि के परिचायक हैं संग्रहालय : प्रहलाद सिंह पटेल

नई दिल्ली, 18 मई (हि.स.)। विश्व संग्रहालय दिवस के मौके पर केंद्रीय संस्कृति व पर्यटन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रहलाद सिंह पटेल ने कहा कि संग्रहालय हमारे अतीत, वर्तमान और भविष्य की समृद्धि के परिचायक हैं। एक समाज धन से संपन्न होता है, लेकिन समृद्धि अपनी धरोहरों से मिलती है। विश्व संग्रहालय दिवस के मौके पर आयोजित वेबिनार में उन्होंने कहा कि गोंड राजाओं को पत्थर की समझ बहुत अच्छी थी, उन्होंने नर्मदा जैसी नदी के नीचे से सुरंग निकाली, ये उनकी परख के चलते ही संभव हो पाया। लेकिन इन बातों को कहीं लिपिबद्ध नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि इनका जिक्र सिर्फ बातचीत के दौरान ही आता है, जबकि ये लिखित रूप से दुनिया के सामने आनी चाहिए थी। ये हमारी बहुत बड़ी कमजोरी साबित करता है। उन्होंने कहा कि ऐसी बहुत सारी जनजातियां हैं जिनकी खासियत इन्हीं सब अभाव के कारण प्रकाश में आई ही नहीं। हम सबके सामने बड़ी चुनौतियां हैं, हमारे पास एक दर्जन म्यूजियम हैं, लेकिन हम उनका 60 फीसदी ही प्रदर्शित कर पाते हैं। उन्होंने कहा कि 18 वीं सदी में संग्रहालय थे कि लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर के वो 19वीं शताब्दी में बने। वे सब धन्यवाद के पात्र हैं, जिन्होंने हजारों साल पुरानी धरोहरों को संजोया। संग्रहालयों में चीजों को दान दिया। इस वेबिनार में डॉ सच्चिदानंद जोशी, सदस्य सचिव, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र, प्रोफेसर मानवी सेठ, डीन, राष्ट्रीय संग्रहालय संस्थान, आईआईएम अहमदाबाद से प्रो. अमित कर्ण, ईमेंसिव ट्रेल्स के डॉ तथागत नियोगी और कलाक्षेत्र फाउंडेशन से डॉ बेसी सेसिल वक्ता के तौर पर मौजूद रहे और अपने विचार रखे। हिन्दुस्थान समाचार/ विजयालक्ष्मी

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