more-than-400-oxygen-expresses-of-railways-carried-lmo-in-mission-mode
more-than-400-oxygen-expresses-of-railways-carried-lmo-in-mission-mode

रेलवे की 400 से अधिक ऑक्सीजन एक्सप्रेसों ने मिशन मोड में की एलएमओ की ढुलाई

नई दिल्ली, 10 जून (हि.स.)। भारतीय रेलवे कोरोना संकट में ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहे राज्यों को तरल मेडिकल ऑक्सीजन (एलएमओ) पहुंचाकर राहत पहुंचाने में जुटा हुआ है। ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेनों ने 28000 मीट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीजन की ढुलाई का आंकड़ा पार कर लिया है। रेल मंत्रालय ने गुरुवार को बताया कि अब तक, भारतीय रेलवे ने देश भर के विभिन्न राज्यों में 1648 से अधिक टैंकरों में लगभग 28, 473 मीट्रिक टन ऑक्सीजन पहुंचा दी है। 401 ऑक्सीजन एक्सप्रेस ने अपनी यात्रा पूरी कर विभिन्न राज्यों को राहत दी है। 4 ऑक्सीजन एक्सप्रेस 18 टैंकरों में 347 मीट्रिक टन से अधिक ऑक्सीजन के साथ चल रही हैं। ऑक्सीजन एक्सप्रेस ने तमिलनाडु, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश राज्य में क्रमशः 4300, 3400 और 3200 मीट्रिक टन से अधिक ऑक्सीजन पहुंचा दी है। उल्लेखनीय है कि ऑक्सीजन एक्सप्रेस ने 47 दिन पहले 24 अप्रैल को महाराष्ट्र में 126 मीट्रिक टन तरल मेडिकल ऑक्सीजन की डिलीवरी करने के साथ अपना काम प्रारंभ किया था। ऑक्सीजन एक्सप्रेस द्वारा उत्तराखंड, कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु, हरियाणा, तेलंगाना, पंजाब, केरल, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, झारखंड और असम सहित 15 राज्यों को ऑक्सीजन सहायता पहुंचाई गई है। इसमें महाराष्ट्र में 614 मीट्रिक टन ऑक्सीजन, उत्तर प्रदेश में लगभग 3797, मध्य प्रदेश में 656 मीट्रिक टन, दिल्ली में 5722 मीट्रिक टन, हरियाणा में 2354 मीट्रिक टन, राजस्थान में 98 मीट्रिक टन, कर्नाटक में 3450 मीट्रिक टन, उत्तराखंड में 320 मीट्रिक टन, तमिलनाडु में 4303 मीट्रिक टन, आंध्र प्रदेश में 3212 मीट्रिक टन, पंजाब में 225 मीट्रिक टन, केरल में 513 मीट्रिक टन, तेलंगाना में 2765 मीट्रिक टन, झारखंड में 38 मीट्रिक टन और असम में 400 मीट्रिक टन ऑक्सीजन पहुंचाई गई है। भारतीय रेल ने पश्चिम में हापा, बड़ौदा मुंदड़ा, पूर्व में राउरकेला, दुर्गापुर, टाटा नगर, अंगुल से ऑक्सीजन लेकर उत्तराखंड, कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु, हरियाणा, तेलंगाना, पंजाब, केरल, दिल्ली, उत्तर प्रदेश तथा असम को ऑक्सीजन की डिलीवरी की है। हिन्दुस्थान समाचार/सुशील

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in