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डीएपी खाद में सब्सिडी 140 प्रतिशत तक बढ़ाकर मोदी सरकार ने दी किसानों को राहत : केंद्रीय मंत्री

जयपुर, 20 मई (हि.स.)। केन्द्र की मोदी सरकार द्वारा किसानों के हित में डीएपी खाद के कट्टा की कीमत में भारी कमी करने पर केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का आभार व्यक्त किया है। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की गतिविधियों की समीक्षा एवं आगामी योजना के लिए आयोजित हुई वीडियो कान्फ्रेंसिंग बैठक को सम्बोधित करते हुए कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि केन्द्र सरकार के इस निर्णय से अब किसानों को डीएपी का एक कट्टा 2400 रुपये के बजाय 1200 रुपये में मिलेगा। चौधरी ने कहा कि कोरोना काल के इस कठिन समय में भी मोदी सरकार ने किसानों को कई कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से आर्थिक संबल देने का कार्य किया है। हाल ही में देश के 11 करोड़ किसानों को 20 लाख करोड़ रुपये से अधिक राशि सीधे खातों में भेजी। इसके अलावा भी मोदी सरकार किसानों के हित में विभिन्न योजनाएं संचालित कर रही है। केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री ने बताया कि केंद्र सरकार ने डायमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) की खाद में अब तक की सबसे बड़ी वृद्धि की है, जिस पर 140 फीसदी की सब्सिडी अर्थात 1200 रुपये प्रति बोरी सब्सिडी देते हुए खाद की कीमत 2400 से 1200 कर दी है, साथ ही मूल्य वृद्धि का सारा अतिभार केंद्र सरकार ने ही वहन करने का निर्णय किया है। प्रति बोरी सब्सिडी की राशि कभी भी एक बार में इतनी नहीं बढ़ाई गई है। चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में हुई उच्चस्तरीय बैठक में इस संबंध में विस्तृत चर्चा हुई कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर फॉस्फोरिक एसिड, अमोनिया आदि की बढ़ती कीमतों के कारण खाद की कीमतों में वृद्धि हो रही है। प्रधानमंत्री द्वारा निर्णय लिया गया कि बेशक अंतर्राष्ट्रीय कीमतों में बढ़ोत्तरी हो रही हो पंरतु हमें किसानों को पुरानी दरों पर ही खाद उपलब्ध करवानी है। अब डीएपी की बोरी 1200 रुपये में ही मिलेगी जिसकी वास्तविक कीमत बाजार आधारित मूल्यों पर 2400 रुपये है। केंद्रीय मंत्री चौधरी ने कहा कि फॉस्फोरिक एसिड व अमोनिया की अंतर्राष्ट्रीय कीमतें 60 से 70 फीसदी तक बढ़ा दी गई हैं, जिसके कारण डीएपी की वास्तविक कीमत अब 2400 रुपये है, खाद कंपनियां 500 रुपये की सब्सिडी घटाकर वर्तमान में 1900 रुपये में बेचती थीं परंतु इस निर्णय के कारण डीएपी खाद की बोरी किसानों को 1200 रुपये में ही मिलती रहेगी। चौधरी ने कहा कि केंद्र सरकार हर वर्ष रासायनिक खादों की सब्सिडी लगभग पर 80 हजार करोड़ रुपये व्यय करती है। चौधरी ने कहा कि अब इस सब्सिडी को बढ़ाने के कारण 14 हजार 775 करोड़ रुपये अतिरिक्त खर्च होंगे और यह मूल्य वृद्धि का सारा अतिभार केंद्र सरकार ने उठाने का फैसला किया है। प्रति बोरी सब्सिडी की राशि कभी भी एक बार में इतनी नहीं बढ़ाई गई है। पिछले साल डीएपी की वास्तविक कीमत 1,700 रुपये प्रति बोरी थी, जिसमें केंद्र सरकार 500 रुपये प्रति बैग की सब्सिडी दे रही थी। इसलिए कंपनियां किसानों को 1200 रुपये प्रति बोरी के हिसाब से खाद बेच रही थी। हिन्दुस्थान समाचार/रोहित/संदीप/सुनीत

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