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मेघालय के मुख्यमंत्री उग्रवादी संगठन के शांति प्रस्ताव पर गृह मंत्रालय के अधिकारियों से मिले

शिलांग/नई दिल्ली, 16 फरवरी (आईएएनएस)। मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड के. संगमा ने बुधवार को नई दिल्ली में केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला के साथ बैठक की और प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन हाइनीवट्रेप नेशनल लिबरेशन काउंसिल (एचएनएलसी) के शांति प्रस्ताव पर चर्चा की। भल्ला के साथ बैठक के बाद संगमा ने कहा कि एचएनएलसी ने हाल ही में मेघालय सरकार को पत्र लिखकर केंद्र और राज्य सरकार से बिना शर्त बात करने की इच्छा व्यक्त की है और इस संबंध में गृह मंत्रालय के अधिकारियों को अपडेट किया है। मुख्यमंत्री ने एक वीडियो संदेश में कहा, संविधान के मापदंडों के तहत सरकारों के साथ बातचीत शुरू करने का एचएनएलसी का प्रस्ताव एक स्वागत योग्य कदम है। वे शांति और विकास के हित में सरकार से बात करने के इच्छुक हैं। उन्होंने कहा कि अगले कुछ दिनों में और सकारात्मक घटनाक्रम होने की उम्मीद है। बाद में, संगमा ने ट्वीट किया, एचएनएलसी के साथ शांति वार्ता को आगे बढ़ाने के लिए आवश्यक प्रक्रिया का पालन करते हुए और उसी पर चर्चा करने के लिए गृह मंत्रालय के गृह सचिव से मुलाकात की। मेघालय सरकार शांति वार्ता को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। एचएनएलसी द्वारा बिना किसी पूर्व शर्त के केंद्र और मेघालय सरकार के साथ शांति वार्ता करने की पेशकश के कुछ दिनों बाद मुख्यमंत्री की गृह मंत्रालय के अधिकारियों के साथ बैठक हुई थी। प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन ने पिछले सप्ताह एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से यह घोषणा की। एचएनएलसी ने अपने बयान में कहा था कि पिछले कुछ हफ्तों के दौरान वरिष्ठ नागरिकों और विभिन्न संगठनों से अनुरोध मिलने के बाद संगठन ने दोनों सरकारों के साथ बैठने का फैसला किया है। आतंकवादी संगठन ने कहा कि पिछले साल हत्या की घटना या समूह के पूर्व महासचिव चेरिश्टरफील्ड थांगख्यू के साथ फर्जी मुठभेड़ के बाद शांति पहल बाधित हुई थी। एचएनएलसी ने हाल के महीनों में शिलांग और राज्य के अन्य क्षेत्रों में हुए कम तीव्रता वाले विस्फोटों की जिम्मेदारी ली है, जबकि मेघालय में पिछले कई वर्षो में उग्रवाद की घटनाओं में गिरावट आई है, लेकिन 2020 के बाद से राज्य में कुछ कम तीव्रता वाले आईईडी विस्फोटों के पीछे एचएनएलसी का हाथ रहा है। एचएनएलसी, जो मेघालय में एक संप्रभु खासी आदिवासी मातृभूमि की मांग कर रहा है, 1980 के दशक के मध्य में गठित पहाड़ी राज्य के पहले आदिवासी उग्रवादी संगठन हिनीवट्रेप अचिक लिबरेशन काउंसिल का एक अलग गुट है। --आईएएनएस एसजीके/एएनएम

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