malviya-postdoctoral-fellowship-of-rs-1-lakh-per-month-in-bhu
malviya-postdoctoral-fellowship-of-rs-1-lakh-per-month-in-bhu

बीएचयू में एक लाख रुपये प्रतिमाह की मालवीय पोस्टडॉक्टोरल फेलोशिप

नई दिल्ली, 20 मई (आईएएनएस)। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) भारतीय नागरिकों, विदेशी नागरिकों, भारतीय मूल के व्यक्ति (पीआईओ) तथा ओवरसीज सिटीजन्स ऑफ इंडिया (ओसीआई) को फेलोशिप का अवसर दे रहा है। फेलोशिप के तहत एक लाख रुपये प्रतिमाह की राशि दी जाएगी। विश्वविद्यालय के मुताबिक मालवीय पोस्टडॉक्टोरल फेलोशिप के लिए इन सभी के द्वारा आवेदन किया जा सकता है। ये फेलोशिप योजना काशी हिन्दू विश्वविद्यालय को भारत सरकार द्वारा मिले इन्सटिट्यूशन ऑफ ऐमिनेंस दर्जे के तहत आरम्भ की गई है। फेलोशिप के अंतर्गत चयनित अभ्यर्थी को एक लाख रुपये मासिक तथा तीन लाख रुपये का अतिरिक्त वार्षिक अनुसंधान अनुदान प्राप्त होगा। फेलोशिप के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि 17 जून 2022 है। मालवीय पोस्टडॉक्टोरल फेलोशिप के लिए विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, मानविकी तथा अन्य प्रोफेशनल विषयों में तकरीबन 100 आवेदन आमंत्रित किये जा रहे हैं। फेलोशिप की अवधि दो वर्ष है, जिसे अनुकूल मूल्यांकन के आधार पर अतिरिक्त एक वर्ष के लिए बढ़ाया जा सकता है। विश्वविद्यालय प्रशासन के मुताबिक जिन अभ्यर्थियों ने टाइम्स हायर एजुकेशन तथा क्यूएस रैंकिंग के आधार पर विश्व के शीर्ष 100 संस्थानों से पीएचडी की हो तथा उनका शैक्षणिक रिकॉर्ड बहुत अच्छा हो अथवा जिन अभ्यर्थियों के पास शीर्ष 100 संस्थानों में दो वर्ष का पोस्टडॉक्टोरल अनुभव हो, वे आवेदन कर सकते हैं। अभ्यर्थी की आयु 17 जून, 2022 तक 35 वर्ष के कम होनी अपेक्षित है। विस्तृत जानकारी काशी हिन्दू विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर उपलब्ध है। गौरतलब है कि बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के एक भूविज्ञानी का चयन स्वीडन में शोध परियोजना के लिए किया गया है। डॉ अमिय कुमार सामल नामक यह सहायक प्रोफेसर, बीएचयू के भूविज्ञान विभाग में कार्यरत हैं। उनको विज्ञान और इंजीनियरिंग अनुसंधान बोर्ड द्वारा समर्थित एसईआरबी इंटरनेशनल रिसर्च एक्सपीरियंस (एसआईआरई) फेलोशिप के लिए चुना गया है। वह दो महीने के लिए भारत की ओर से बैडलीइट निष्कर्षण और डेटिंग की तकनीकों पर प्रोफेसर उल्फ सोडरलंड, लुंड विश्वविद्यालय, स्वीडन के साथ काम करेंगे। वहीं बनारस हिंदू विश्वविद्यालय रिसर्च के लिए उद्योग व फंडिंग एजेंसियों के साथ नेटवकिर्ंग भी कर रहा है। इसके तहत बीएचयू ऐसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों की पहचान कर उन्हें प्रोत्साहित करेगा, जिनमें विश्वविद्यालय-उद्योग शोध सहयोग, परामर्श और आउटरीच की संभावना हो। उद्योग तथा फंडिंग एजेंसियों के साथ नेटवकिर्ंग के जरिए बीएचयू के फैकेल्टी मेंबर्स को वित्तीय सहायता के अवसरों के बारे में जानकारी प्रदान हो सकेगी। --आईएएनएस जीसीबी/एएनएम

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in